नकली कीटनाशकों पर शिकंजा कसने की तैयारी, कृषि मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कीटनाशकों के पंजीयन की प्रक्रिया ऐसी होना चाहिए कि जिससे किसी को भी कृषि विभाग के चक्कर नहीं लगाना पड़े। ना ही कोई गड़बड़ी होने पाएं। प्रक्रिया के दौरान ट्रेकिंग की व्यवस्था भी हो। कोई बेईमानी करता है, नकली या घटिया कीटनाशक बेचता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह ने नकली कीटनाशकों के मुद्दा पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए गुरुवार को इस मामले पर एक उच्चस्तरीय बैठक की और अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्यों में प्रवास के दौरान किसानों से शिकायत मिलती है कि कई बार नकली कीटनाशकों के कारण उनकी फसल खराब हो जाती है। इनका समुचित निवारण करते हुए किसानों के हित में नकली या अमानक कीटनाशकों को बाजार में आने से पूरी तरह रोकना होगा।
शिवराज सिंह स्पष्ट रूप से कहा कि नकली व अमानक कीटनाशक किसी भी हालत में बिकने नहीं पाएं। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पारदर्शी होना चाहिए। अधिकारियों से कहा कि वे राज्य सरकारों के साथ मिलकर पूरे सिस्टम को मजबूत बनाएं।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कीटनाशकों के पंजीयन की प्रक्रिया ऐसी होना चाहिए कि जिससे किसी को भी कृषि विभाग के चक्कर नहीं लगाना पड़े। ना ही कोई गड़बड़ी होने पाएं। प्रक्रिया के दौरान ट्रेकिंग की व्यवस्था भी हो। कोई बेईमानी करता है, नकली या घटिया कीटनाशक बेचता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में हमें विभिन्न स्तरों पर काम करना होगा। उनकी फसल नकली कीटनाशकों के कारण खराब नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि खेतों में फसलों में क्या-क्या परिवर्तन आ रहा है, यह नियमित रूप से देखते हुए किसानों को समुचित सलाह प्रभावी तरीके से तत्काल दी जाना चाहिए। कृषि प्रसार व कृषि विज्ञान केंद्रों का अमला राज्यों के कृषि अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ मिलकर इस बारे में किसानों को जागरूक और शिक्षित करें, ताकि वे नुकसान से बचें।
बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक एवं सचिव डेयर डॉ मांगी लाल जाट सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने अपने सुझाव दिए।