इफको को ₹3,811 करोड़ का कर-पूर्व मुनाफा, नैनो उर्वरकों की बिक्री में 47% की वृद्धि

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने नैनो उर्वरकों की बिक्री में 47 फीसदी की वृद्धि को वित्त वर्ष 2024-25 की प्रमुख उपलब्धि बताते हुए कहा कि जल्द ही दानेदार रूप में नैनो एनपीके उर्वरक भी लांच किया जाएगा।

इफको को ₹3,811 करोड़ का कर-पूर्व मुनाफा, नैनो उर्वरकों की बिक्री में 47% की वृद्धि

विश्व की प्रमुख फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी संस्था (इफको), ने वित्त वर्ष 2024–25 में 3,811 करोड़ रुपये का कर-पूर्व मुनाफा (प्री-टैक्स प्रॉफिट) दर्ज किया है। इस दौरान इफको का टर्नओवर 4.5% बढ़कर 41,244 करोड़ रुपये तक पहुंचा और नैनो उर्वरकों की बिक्री में 47% की वृद्धि हुई। 

गुरुवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में इफको की 54वीं वार्षिक आम बैठक आयोजित हुई, जिसमें देशभर से सहकारी प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में बताया गया कि पिछले वित्त वर्ष में शुद्ध लाभ 16% बढ़कर 2,823 करोड़ रुपये हो गया।

मीडिया से बात करते हुए इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी ने बताया कि संस्था ने लगातार तीसरे साल 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ अर्जित किया है और पिछले 23 वर्षों से शेयर पूंजी पर 20% लाभांश प्रदान कर रही है। यह इफको की समावेशी और सतत विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

दिलीप संघानी ने कहा, "दुनिया में पहली बार इफको ने नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और नैनो जिंक को पेश किया है, जो कृषि क्रांति को नई दिशा देने वाला कदम है।"

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने नैनो उर्वरकों की बिक्री में 47 फीसदी की वृद्धि को वित्त वर्ष 2024-25 की प्रमुख उपलब्धि बताते हुए कहा कि जल्द ही दानेदार रूप में नैनो एनपीके उर्वरक भी लांच किया जाएगा। नैनो एनपीके उर्वरक मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक और कॉपर से समृद्ध होगा, जिससे पोषक तत्वों की दक्षता और फसल उत्पादकता में सुधार होगा। इफको ने 100 मिलीलीटर की बोतल में नैनो जिंक और नैनो कॉपर भी तरल रूप बाजार में उतारा है, जिसकी कीमत 200 रुपये है। साथ ही, इफको ने कलोल इकाई में एक अत्याधुनिक बीज नवाचार केंद्र स्थापित करने की पहल भी की है। 

डॉ. अवस्थी ने बताया कि संस्था किसानों को नैनो उर्वरकों के लाभों के प्रति जागरूक कर रही है। उन्होंने कहा, “नैनो टेक्नोलॉजी, ड्रोन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से इफको देश की कृषि और खाद्य व्यवस्था में बदलाव ला रही है। हमारे नैनो उर्वरकों को दुनिया भर में मान्यता मिल रही है और ब्राजील, केन्या और अमेरिका जैसे देश इनमें दिलचस्पी ले रहे हैं।” इफको ने 40 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है। 

नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) की बिक्री में 31% वृद्धि

वित्त वर्ष 2024–25 में इफको ने नैनो उर्वरक की कुल 365.09 लाख बोतलें ( 500 मिली) बेची, जबकि पिछले वर्ष 248.95 लाख बोतलें बेची थीं। इसमें से 268 लाख बोतलें नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) और 97 लाख बोतलें नैनो डीएपी (लिक्विड) की बेची गईं। इस तरह नैनो यूरिया प्लस की बिक्री में 31% और नैनो डीएपी की बिक्री में 118% की वृद्धि हुई। इफको का दावा है कि नैनो उर्वरकों की यह बिक्री पारंपरिक यूरिया के 12 लाख टन और पारंपरिक डीएपी के 4.85 लाख टन के बराबर है। 

नैनो उर्वरकों में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश

डॉ. अवस्थी ने बताया कि इफको ने फसल उत्पादकता बढ़ाने और मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नैनो उर्वरकों में लगभग 2,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जुलाई 2024 में देशभर में ‘मॉडल नैनो गांव/क्लस्टर परियोजना’ की शुरुआत की गई, जिसमें 203 गांव क्लस्टरों (प्रत्येक 2,000 एकड़) का चयन किया गया। अब तक 90,000 से अधिक किसान नैनो विलेज पोर्टल पर पंजीकृत हैं, जिन्होंने नैनो उर्वरकों का उपयोग किया। उनकी 5 लाख एकड़ भूमि में से 72,000 एकड़ में कृषि ड्रोन से छिड़काव किया गया। इस पहल से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में 28.73% की कमी आई और फसल उत्पादन में 5.8% की वृद्धि हुई।

विशेष उर्वरकों में 2% वृद्धि

इफको के जल में घुलनशील और विशेष उर्वरकों की बिक्री 1.30 लाख टन रही, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2% अधिक है। सागरिका लिक्विड की बिक्री 11.55 लाख लीटर रही, जो 33% अधिक है। जैव उर्वरकों की बिक्री 35% बढ़कर 8.61 लाख लीटर हो गई।

35,600 से अधिक सहकारी संस्थाओं और देश-विदेश में 10 उत्पादन इकाइयों के नेटवर्क के साथ इफको भारत की अग्रणी उर्वरक निर्माता संस्था है, जो देशभर में 5 करोड़ से अधिक किसानों को सेवा प्रदान करती है।

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