FAO रिपोर्ट: 2025-26 में गेहूं, चावल और मोटे अनाज का वैश्विक उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर
FAO के अनुसार 2025-26 में गेहूं, चावल और मोटे अनाज का वैश्विक उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रहेगा। बेहतर मौसम और रकबा बढ़ने से गेहूं का उत्पादन 81.9 करोड़ टन, मोटे अनाज का 161 करोड़ टन और चावल का 55.6 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है। बढ़े हुए उत्पादन से वैश्विक भंडार भी बढ़ेंगे और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी बनी रहेगी।
FAO की नवंबर 2025 की फूड आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार गेहूं, चावल और मोटे अनाज का वैश्विक उत्पादन 2025-26 में ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचने वाला है। बेहतर मौसम, अधिक बुवाई और बढ़ी हुई पैदावार से यह वृद्धि संभव होगी।
गेहूं उत्पादन 81.9 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो अब तक का सबसे अधिक है। यूरोपीय यूनियन में बेहतर मौसम और अधिक क्षेत्र में बुवाई से उत्पादन में वृद्धि होगी। भारत में भी आकर्षक कीमतों के कारण किसानों ने अधिक इलाके में बुवाई की। जबकि रूस में भी अनुकूल मौसम से वसंत के गेहूं की पैदावार बढ़ने के आसार हैं। ईरान, कज़ाखस्तान, पाकिस्तान और तुर्किये में कम वर्षा के कारण उत्पादन घटने के बावजूद वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड उत्पादन की पूरी संभावना है।
दुनिया भर में गेहूं का इस्तेमाल बढ़कर 80.8 करोड़ टन होने की उम्मीद है। एशिया और उत्तरी अमेरिका में जानवरों के चारे में गेहूं का इस्तेमाल बढ़ने की उम्मीद है। एशियाई देशों से आयात बढ़ने से दुनिया भर में गेहूं का व्यापार 5.1% बढ़कर 20.2 करोड़ टन होने का अनुमान है। गेहूं का स्टॉक रिकॉर्ड 32.88 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे दुनिया भर में सप्लाई की स्थिति आरामदायक बनी रहेगी।
दूसरी ओर, वैश्विक चावल उत्पादन 55.6 करोड़ टन (मिल्ड) रहने का अनुमान है, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। एशिया और लैटिन अमेरिका में रिकॉर्ड फसलें इसका प्रमुख कारण हैं। चावल की खपत के मजबूत रहने के बावजूद उत्पादन अधिक रहने से वैश्विक चावल भंडार 21.5 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड पर पहुंच सकता है। चावल व्यापार में हल्की कमी का अनुमान है।
मोटे अनाज का उत्पादन 161 करोड़ टन होने का अनुमान है, जिसमें ब्राजील और अमेरिका की ऐतिहासिक मक्का फसल का सबसे बड़ा योगदान रहेगा। दक्षिणी अफ्रीका में भारी वर्षा से पैदावार में सुधार हुआ है। मोटे अनाज की खपत 157 करोड़ टन रहने की उम्मीद है, जबकि व्यापार में 2.6% वृद्धि का अनुमान है।

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