पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी पर हाईकोर्ट की अंतरिम रोक के बाद भी किसानों का विरोध जारी
पंजाब के कई जिलों में बाइक रैली निकालकर किसानों ने लैंड पॉलिसी का विरोध किया। किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंधेर की अगुआई में अमृतसर में बाइक रैली निकाली गई।

पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 पर चार सप्ताह की अंतरिम रोक लगा दी। इसके बाद भी राज्य में लैंड पूलिंग पॉलिसी का विरोध बढ़ता जा रहा है। सोमवार को किसान संगठनों ने पॉलिसी के खिलाफ पंजाब के कई जिलों में बाइक रैलियां निकालीं।
हाईकोर्ट ने पंजाब की लैंड पूलिंग नीति-2025 पर स्टे लगाते हुए राज्य सरकार की ‘जल्दबाजी’ की आलोचना की। अदालत ने सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन (SIA और EIA) किए बिना ही नीति अधिसूचित करने पर भी सवाल उठाया। जिससे उपजाऊ कृषि भूमि और किसानों के हित खतरे में पड़ सकते हैं।
नीति के खिलाफ किसानों का विरोध लगातार बढ़ रहा है। आज किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंधेर की अगुआई में अमृतसर के जलियांवाला बाग से अटारी बॉर्डर तक बाइक रैली निकाली गई। प्रदेश के कई जिलों में बाइक रैली निकालकर किसानों ने लैंड पॉलिसी का विरोध किया। किसानों ने भगवंत मान सरकार को चेताया है कि अगर लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस नहीं लिया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हम चाहते हैं कि भगवंत मान सरकार जल्द से जल्द लैंड पूलिंग नीति वापस ले, वरना उन्हें ऐसा करने पर हमें मजबूर करना पड़ेगा। यह सिर्फ किसानों का मुद्दा नहीं है।” किसान एक्टिविस्ट रमनदीप सिंह मान का कहना है कि किसान पॉलिसी वापसी के अलावा किसी बात पर राजी नहीं हैं।
इससे पहले 30 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पूरे राज्य में ट्रैक्टर रैलियां निकाली थीं। किसान नेताओं का कहना है कि लैंड पूलिंग पॉलिसी किसानों से उनकी जमीनें छीनने का रास्ता तैयार करती है। उनका आरोप है कि सरकार किसानों से जमीन लेकर कारपोरेट घरानों को देना चाहती है और किसानों को बर्बाद करने पर तुली है।
राजनीतिक विरोध
पंजाब में राजनीतिक दल भी आप सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी का कड़ा विरोध कर रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने भी इस मुद्दे पर 1 सितंबर से 'जमीन बचाओ – पंजाब बचाओ मोर्चा' शुरू करने की घोषणा की है। अन्य विपक्षी दलों ने आंदोलन तेज़ करने की तैयारी कर रहे हैं।
दूसरी ओर, राज्य सरकार का कहना है कि यह नीति शहरी विकास और किसानों के हितों को साथ लेकर चलने के लिए तैयार की गई है। अब 10 सितंबर को अदालत में होने वाली सुनवाई से तय होगा कि लैंड पूलिंग पॉलिसी का भविष्य क्या होगा।
24 को एसकेएम की महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा 24 अगस्त को समराला में किसान महापंचायत करेगा। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि इस महापंचायत में संघर्ष की रणनीति तय की जाएगी और इसके लिए पूरे पंजाब में जिम्मेदारियां बांटी गई हैं। राजेवाल ने कहा कि किसानों में जबरन जमीन लेने को लेकर गहरा आक्रोश है। अदालत भी मान चुकी है कि प्रभावित गांवों के पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गलत प्रचार कर किसानों को गुमराह कर रही है, जबकि पंजाब का किसान पूरी तरह इसके खिलाफ है।