इफ्को ने बेंगलुरु में चौथे नैनो उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया, दक्षिण भारत में बढ़ सकेगी आपूर्ति
प्रतिदिन 2 लाख बोतलों की उत्पादन क्षमता के साथ बेंगलुरु स्थित यह संयंत्र दक्षिण भारत में नैनो उर्वरकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह नई इकाई कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगी और किसानों को ऐसे इनोवेटिव इनपुट तक पहुंच दिलाएगी, जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए दक्षता में सुधार करते हैं।
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइज़र कोऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने बेंगलुरु में अपने चौथे नैनो उर्वरक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन किया। यह आत्मनिर्भर और सतत कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में भारत के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इस अत्याधुनिक संयंत्र का उद्घाटन इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी ने किया। इस अवसर पर वाइस चेयरमैन बलवीर सिंह, इफको के प्रबंध निदेशक कीर्तिकुमार जे. पटेल, निदेशक मंडल के सदस्य, संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी तथा इफको के कर्नाटक राज्य मार्केटिंग ऑफिस के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इफको चेयरमैन दिलीप संघानी ने कहा, “बेंगलुरु के देवनहल्ली में नैनो उर्वरक संयंत्र का यह उद्घाटन किसान कल्याण, नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में इफको का एक ऐतिहासिक कदम है।”
इफको के प्रबंध निदेशक कीर्तिकुमार जे. पटेल ने कहा कि यह संयंत्र स्वदेशी नवाचार के माध्यम से जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के सहकारी संगठन के संकल्प को दर्शाता है। नैनो-आधारित उर्वरकों के घरेलू उत्पादन का विस्तार करके इफको आयातित इनपुट पर निर्भरता कम करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ तथा ‘आत्मनिर्भर कृषि’ के राष्ट्रीय विजन को समर्थन देने का लक्ष्य रखता है।

प्रतिदिन 2 लाख बोतलों की उत्पादन क्षमता के साथ बेंगलुरु स्थित यह संयंत्र दक्षिण भारत में नैनो उर्वरकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अधिकारियों के अनुसार, यह नई इकाई कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगी और किसानों को ऐसे इनोवेटिव इनपुट तक पहुंच दिलाएगी, जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए दक्षता में सुधार करते हैं।
पटेल ने एक बयान में कहा, “यह संयंत्र केवल एक औद्योगिक उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत के सहकारी आंदोलन की स्थायी शक्ति और भावना का प्रतीक है। सामूहिक विकास, विश्वास और साझा समृद्धि के दर्शन पर आधारित यह पहल बताती है कि इफको किस प्रकार सहयोग के मूल्यों को लाखों किसानों के लिए ठोस प्रगति में बदल रहा है। यह उपलब्धि ‘सहकार से समृद्धि’ के मार्ग पर इफको अटूट प्रतिबद्धता को दोहराती है, जहां सहकारी शक्ति राष्ट्रीय विकास और किसानों की समृद्धि की नींव बनती है,”
इफको नैनो उर्वरक कार्यक्रम भारतीय कृषि में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में माना गया है, जो पोषक तत्वों की सटीक आपूर्ति, कम मात्रा में उपयोग और किसानों के लिए इनपुट लागत में कमी सुनिश्चित करता है, साथ ही दीर्घकालिक रूप से मिट्टी और पर्यावरण के स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है।

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