पेट्रोल पंप खोलने की पैक्स को मिली मंजूरी, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप भी मिलेगी

मौजूदा थोक पेट्रोल/डीजल डीलरशिप लाइसेंसधारी पैक्स (PACS) को रिटेल आउटलेट में बदलने की पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सहमति दे दी है। इसके तहत मौजूदा पैक्स को अपने थोक उपभोक्ता पंपों को रिटेल आउटलेट में बदलने के लिए एक बार विकल्प दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए नए पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के आवंटन में पैक्स को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही अब पैक्स को भी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप मिल सकेगी। इसके लिए पैक्स की पात्रता को मंजूरी मिल गई है।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)।

पेट्रोल और डीजल के मौजूदा थोक लाइसेंसधारी पैक्स (PACS) भी अब रिटेल पंप खोल सकेंगे। साथ ही नए पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के आवंटन में पैक्स को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा पैक्स भी एलपीजी (रसोई गैस) डिस्ट्रीब्यूटर बन सकेंगे। पैक्स को सशक्त बनाने के मकसद से केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ बुधवार को हुई एक अहम बैठक में ये फैसले किए गए।  

एक सरकारी बयान में इन फैसलों की जानकारी दी गई है। बयान के मुताबिक, मौजूदा थोक पेट्रोल/डीजल डीलरशिप लाइसेंसधारी पैक्स (PACS) को रिटेल आउटलेट में बदलने की पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सहमति दे दी है। इसके तहत मौजूदा पैक्स को अपने थोक उपभोक्ता पंपों को रिटेल आउटलेट में बदलने के लिए एक बार विकल्प दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए नए पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के आवंटन में पैक्स को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही अब पैक्स को भी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप मिल सकेगी। इसके लिए पैक्स की पात्रता को मंजूरी मिल गई है।

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पेट्रोलियम मंत्रालय एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पैक्स को पात्र बनाने के लिए नियमों में भी बदलाव करेगा। नए पेट्रोल/डीजल डीलरशिप के आवंटन में पैक्स को स्वतंत्रता सेनानी तथा स्पोर्ट्स कोटे के साथ संयुक्त श्रेणी 2  में रखा जाएगा। एक अन्य फैसले में सहकारी चीनी मिलों को प्रोत्साहन देने के लिए उनके द्वारा उत्पादित एथेनॉल खरीद के लिए भी प्राथमिकता देने पर सहमति जताई गई है। एथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम के तहत पेट्रोलियम मंत्रालय सुनिश्चित करेगा कि सहकारी चीनी मिलों को एथेनॉल खरीद के लिए अन्य निजी कंपनियों के मुताबिक प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा अब पैक्स खुद भी खुदरा आउटलेट का संचालन कर सकेंगे।

सहकारिता मंत्रालय ने प्राथमिक कृषि कर्ज समितियों (पैक्स) को मजबूत करने के लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पैक्स के लिए मॉडल बायलॉज बनाए गए हैं जिनके माध्यम से देशभर के लगभग एक लाख पैक्स ग्रामीण आर्थिक विकास का आधार बन सकेंगी। 25 से भी अधिक विभिन्न गतिविधियों के जरिये देश के 13 करोड़ से भी अधिक किसानों की आय बढ़ाने में ये पैक्स सहायक साबित होंगे। इसके अलावा पैक्स को मजबूत करने के लिए सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की केन्द्रीय प्रायोजित योजना चलाई जा रही है जिससे पैक्स एक कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड से जुड़ पाएंगी।

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सहकारिता मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ भी एक समझौता भी किया है। इसके तहत सीएससी की 300 से भी अधिक ई-सेवाओं को पैक्स के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता तक पहुंचाया जा सकेगा।

मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों में सभी पंचायतों/गांवों में 2 लाख बहुद्देशीय पैक्स व प्राथमिक डेयरी/मत्स्यपालन सहकारी समितियां बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही जेम (GEM) पोर्टल पर सहकारी समितियों को खरीददार के रूप में शामिल किया गया है। पैक्स के स्तर पर भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का विकेंद्रीकरण भी किया जा रहा है