लोकसभा ने गुरुवार को विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 पारित कर दिया, जो 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेगा। विपक्ष के कड़े विरोध के बीच पारित हुए विधेयक को 8 घंटे की चर्चा के बाद ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। विपक्षी दलों ने इसे विश्व के सबसे बड़े रोजगार गारंटी कार्यक्रम मनरेगा और महात्मा गांधी के विचारों पर “हमला” करार दिया है।
बिल पेश करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह नया कानून आजीविका के अवसर बढ़ाएगा, पारदर्शिता लाएगा और गांवों में विकास कार्यों का विस्तार करेगा। मनरेगा की जगह नया कानून लाने के फैसले का बचाव करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नया कानून गांधीवादी मूल्यों के अनुरूप और ग्रामीण उत्थान पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने तो बापू के आदर्शों को मारने का काम किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने बापू के आदर्शों को जिंदा रखने का काम किया। बापू आज जिंदा हैं- हम सबके हृदयों में, एक विचार बन कर और बापू के आदर्शों को ही इस योजना में हमने क्रियान्वित करने का काम किया है, जो गरीब की जिंदगी बदलेगी।”
हालांकि, विपक्ष ने बिल का तीखा विरोध किया और आरोप लगाया कि सरकार एक ऐतिहासिक कल्याणकारी कानून को खत्म कर मजदूर अधिकारों को कमजोर कर रही है। विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि इससे रोजगार सुरक्षा घटेगी और ग्रामीण परिवारों को मिलने वाले कार्यदिवस कम हो जाएंगे। बहस के दौरान सांसदों ने हंगामा करते हुए वेल में नारेबाजी की, बिल की प्रतियां फाड़ीं और सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
हंगामे के बीच, बिल पारित होने के तुरंत बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। बिल अब आगे की मंजूरी के लिए राज्यसभा में भेजा जाएगा। संसद की दोनों सदनों से मंजूरी और राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद इस रोजगार योजना को देशभर में लागू किया जाएगा। शुक्रवार को शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है।
यह बिल ग्रामीण रोजगार गारंटी को खत्म कर देगा: प्रियंका गांधी
लोकसभा में बिल पारित होने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पार्टी इसे सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह पुरजोर तरीके से चुनौती देगी। उन्होंने कहा, “यह प्रस्तावित कानून ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को पूरी तरह खत्म कर देगा। विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट है और सरकार के कदम का कड़ा विरोध करेगा।”
विपक्ष का संसद परिसर में मार्च, बड़े आंदोलन की तैयारी
इससे पहले दिन में कई विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर में मार्च निकाला। नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार मनरेगा का “संगठित तौर पर खत्म” कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में सांसद गांधी प्रतिमा से प्रेरणा स्थल तक पहुंचे। सभी नेताओं ने ‘महात्मा गांधी NREGA’ बैनर लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए और बिल वापस लेने की मांग की। मार्च में के. सी. वेणुगोपाल, कनिमोझी करुणानिधि, ए. राजा, ई.टी. मोहम्मद बशीर, अरविंद सावंत, एन. के. प्रेमचंद्रन समेत कई INDIA गठबंधन दलों के नेता शामिल रहे।
खड़गे ने कहा कि विपक्ष इस लड़ाई को संसद से सड़क तक ले जाएगा और देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। मनरेगा को हटाने की दिशा में सरकार के फैसले और विपक्ष के विरोध को देखते हुए आने वाले दिनों में ग्रामीण रोजगार गारंटी के मुद्दे पर राजनीतिक संघर्ष और तेज होने के आसार हैं।