खरीफ 2025-26 के पहले अग्रिम अनुमान जारी, 17.33 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान
प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार, वर्ष 2025-26 के दौरान खरीफ चावल उत्पादन 1245.04 लाख टन अनुमानित है, जो गत वर्ष के खरीफ चावल उत्पादन से 17.32 लाख टन ज्यादा है। खरीफ मक्का का उत्पादन 283.03 लाख टन अनुमानित है, जो गत वर्ष के खरीफ मक्का उत्पादन से 34.95 लाख टन अधिक है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ सीजन 2025-26 में उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान जारी कर दिये हैं। मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी सूचना के मुताबिक खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 17.33 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो पिछले साल (2024-25) के खरीफ उत्पादन के मुकाबले 38.70 लाख टन अधिक है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि देश में कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा ने फसलों को प्रभावित किया, लेकिन ज्यादातर क्षेत्रों को अच्छे मानसून से काफी लाभ हुआ है, इससे कुल मिलाकर फसलों की अच्छी वृद्धि हुई है। प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार, वर्ष 2025-26 के दौरान खरीफ चावल उत्पादन 1245.04 लाख टन अनुमानित है, जो गत वर्ष के खरीफ चावल उत्पादन से 17.32 लाख टन ज्यादा है। खरीफ मक्का का उत्पादन 283.03 लाख टन अनुमानित है, जो गत वर्ष के खरीफ मक्का उत्पादन से 34.95 लाख टन अधिक है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2025-26 के दौरान कुल खरीफ पोषक/मोटा अनाज 414.14 लाख टन और कुल खरीफ दलहन उत्पादन 74.13 लाख टन अनुमानित है, जिसमें तूर 35.97 लाख टन, उड़द 12.05 लाख टन तथा मूंग 17.20 लाख टन का उत्पादन अनुमानित है।
2025-26 के दौरान देश में कुल खरीफ तिलहन का उत्पादन 275.63 लाख टन अनुमानित है। इसमें 110.93 लाख टन मूंगफली का उत्पादन शामिल है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.81 लाख टन अधिक है और सोयाबीन उत्पादन 142.66 लाख टन अनुमानित है। गन्ने का उत्पादन 4756.14 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 210.03 लाख टन वृद्धि दर्शाता है। कपास का उत्पादन 292.15 लाख गांठें (प्रति गांठ 170 किलोग्राम) तथा पटसन एवं मेस्ता 83.45 लाख गांठों (प्रति गांठ 180 किलोग्राम) का उत्पादन अनुमानित है।
मंत्रालय के मुताबिक यह अनुमान गत वर्षों की उपज प्रवृत्तियों, अन्य जमीनी स्तर के इनपुट और क्षेत्रीय अवलोकन तथा मुख्यतः राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तैयार किए गए हैं। फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज आंकड़े आने पर इसमें संशोधन किया जाएगा।

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