भारत रत्न डॉ. स्वामीनाथन की बेटी ने कहा, अन्नादाताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार ना करें

प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन की बेटी मधुरा स्वामिनाथन ने एक सरकारी कार्यक्रम में किसानों के दिल्ली मार्च का जिक्र करते हुए कहा कि अन्नदाताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। अगर डॉ. स्वामीनाथन का सम्मान करना है तो हमें किसानों को साथ लेकर चलना होगा। 

केंद्र सरकार द्वारा प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत देने की घोषणा करने के कुछ दिन बाद ही उनकी बेटी मधुरा स्वामिनाथन ने एक सरकारी कार्यक्रम में पंजाब से किसानों के दिल्ली मार्च का जिक्र करते हुए कहा कि अन्नदाताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। अगर हम डॉ. स्वामीनाथन का सम्मान करते हैं तो हमें किसानों को साथ लेकर चलना होगा। डॉ. स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा के उपलक्ष में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें उनकी बेटी अर्थशास्त्री मधुरा स्वामिनाथन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। 

मधुरा स्वामीनाथन ने अपने संबोधन में कहा, “पंजाब के किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। ऐसी खबरें आ रही हैं कि हरियाणा में उनके लिए जेलें तैयार की जा रही हैं, बैरिकेड्स हैं और उन्हें रोकने के लिए हर तरह के उपाय आजमाए जा रहे हैं...ये किसान हैं, ये अपराधी नहीं हैं... मैं आप सभी से, भारत के प्रमुख वैज्ञानिकों से अनुरोध करती हूं कि हमें अपने अन्नदाताओं से बात करनी होगी। हम उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं कर सकते हैं। हमें समाधान ढूंढना होगा। कृपया, यह मेरा अनुरोध है, अगर हम एमएस स्वामीनाथन का सम्मान करते हैं तो भविष्य के लिए जो भी रणनीति बना रहे हैं, उसमें हमें किसानों को साथ लेकर चलना होगा। 

एमएसपी की कानूनी गारंटी कई मांगों को लेकर पंजाब के किसान दिल्ली कूच करने का प्रयास कर रहे हैं जिन्हें पुलिस ने हरियाणा-पंजाब बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ने दिया। शंभू और जींद बॉर्डर पर मंगलवार से प्रदर्शनकारी किसानों और सुरक्षाबलों के बीच कई बार झड़प हो चुकी हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले बरसाए। किसानों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर रबर की गोलियां चलाईं। हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं पर कंक्रीट, कीलों और कटीले तारों से भारी किलेबंदी की गई है। 

किसानों की मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना तथा फसलों पर लागत का डेढ़ गुना दाम तय करने का मुद्दा भी शामिल है। डॉ. स्वामीनाथन ने राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष रहते कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए अपनी सिफारिशें दी थीं। इसी के तहत फसलों की लागत पर डेढ़ गुना दाम देने का फामूला सुझाया था। हरित क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. स्वामीनाथन को देश की खाद्य सुरक्षा और कृषि क्षेत्र में योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है।