बाढ़ के बावजूद इस्मा ने 349 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान बरकरार रखा

पंजाब में भीषण बाढ़ के अलावा हरियाणा, उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में भी भारी बारिश से गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके बावजूद इस्मा ने शुगर सीजन 2025-26 में 349 लाख टन चीनी उत्पादन के अपने अनुमान को बरकरार रखा है।

देश के कई राज्य भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति से जूझ रहे है। इसके बावजूद प्राइवेट चीनी मिलों की शीर्ष संस्था इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने शुगर सीजन 2025-26 के लिए देश में 349 लाख टन सकल चीनी उत्पादन के अपने अनुमान को बरकरार रखा है। यह आकलन ताजा सैटेलाइट इमेजरी और जमीनी रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। इस्मा ने 31 जुलाई को जारी अपने प्रारंभिक अनुमान में भी 349 लाख टन चीनी उत्पादन की संभावना जताई थी। 

गौरतलब है कि पंजाब में आई भीषण बाढ़ के अलावा हरियाणा, उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में भी भारी बारिश से गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा है। जलभराव से कीटों व रोगों के प्रकोप का खतरा बढ़ गया है। इसके बावजूद इस्मा इस सीजन में 349 लाख टन चीनी उत्पादन के अपने अनुमान पर कायम है।

इस्मा ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के लिए सितंबर के पहले सप्ताह में प्राप्त अतिरिक्त सैटेलाइट डेटा, दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति, जलाशयों के स्तर और प्रमुख राज्यों की फसल स्थिति की समीक्षा के बाद अनुमान को दोहराया है। इस्मा के अनुसार, अगस्त में हुई काफी वर्षा से महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की फसल की बढ़वार अच्छी रही है। जलाशयों में पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर जलभराव और मानसून के आगे भी जारी रहने की उम्मीद से इन राज्यों की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।

उत्तर प्रदेश में भी फसल की हालत पिछले वर्ष से कहीं बेहतर बताई गई है। गन्ना विकास कार्यक्रमों, समय पर उन्नत किस्मों के वितरण और रोग के कम प्रकोप से उत्पादन और रिकवरी रेट में सुधार की संभावना है।

तमिलनाडु में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहे हैं, जहां उपज और चीनी की रिकवरी पहले के अनुमानों से बेहतर रहने का अनुमान है। हालांकि, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे उत्तरी राज्यों में बाढ़ जैसी स्थिति से गन्ने की पैदावार पर कुछ असर पड़ा है। बावजूद इसके, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु से अपेक्षित बेहतर उत्पादन इन नुकसानों की भरपाई कर देगा।

इस्मा के अनुसार, प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ने की गुणवत्ता में सुधार से उत्पादन में हल्की बढ़ोतरी की संभावना है, लेकिन बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में मामूली गिरावट से यह संतुलित हो रही है। इस कारण 2025-26 सीजन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अनुमान 349 लाख टन पर स्थिर है। अक्टूबर 2025 में फसल की दोबारा समीक्षा की जाएगी और अक्टूबर-नवंबर में पहला अग्रिम अनुमान जारी किया जाएगा, जिसमें वर्षा, जल उपलब्धता और कटाई की प्रगति को शामिल किया जाएगा।