रबी फसलों की बुवाई में तेजी, कुल रकबा 306 लाख हेक्टेयर के पार पहुंचा

रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं का रकबा बढ़कर 128.37 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21.27 लाख हेक्टेयर अधिक है

रबी फसलों की बुवाई में तेजी, कुल रकबा 306 लाख हेक्टेयर के पार पहुंचा

देशभर में रबी फसलों की बुवाई जोर पकड़ती दिख रही है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 21 नवंबर 2025 तक रबी फसलों का कुल बोया गया रकबा 306.31 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 272.78 लाख हेक्टेयर की तुलना में 33.53 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्शाता है। यह बढ़त इस बात का संकेत है कि किसानों ने अनुकूल मौसम और नमी की पर्याप्त उपलब्धता का अधिकतम लाभ उठाया है।

रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं का रकबा बढ़कर 128.37 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21.27 लाख हेक्टेयर अधिक है। उत्तर भारत में समय पर ठंड की शुरुआत और पर्याप्त मिट्टी की नमी को इस बढ़ोतरी के प्रमुख कारणों के रूप में देखा जा रहा है।

रबी धान की बुवाई 8.26 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.67 लाख हेक्टेयर अधिक है।

सबसे उत्साहजनक वृद्धि दालों में दर्ज की गई है, जिनका कुल रकबा बढ़कर 73.36 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 5.21 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है।

  • चना: 53.71 लाख हेक्टेयर
  • मसूर: 9.01 लाख हेक्टेयर
  • मटर: 5.58 लाख हेक्टेयर

श्री अन्ना एवं मोटे अनाज की बुवाई का क्षेत्र 19.69 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष से 2.44 लाख हेक्टेयर अधिक है। मकई, जौ, ज्वार और छोटे मिलेट्स—इन सभी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

तिलहन की बुवाई में भी अच्छा प्रदर्शन रहा है। कुल बुवाई क्षेत्र 76.64 लाख हेक्टेयर हो चुका है जो 3.94 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्शाता है।

मुख्यतः सरसों (73.80 लाख हेक्टेयर) की बुवाई में उल्लेखनीय बढ़त हुई है। सरसों के बेहतर दाम और न्यूनतम समर्थन मूल्य में हाल के वर्षों में हुई बढ़ोतरी ने किसानों को इसकी खेती की ओर अधिक आकर्षित किया है।

उत्तर-पश्चिम भारत में इस वर्ष समय पर हुई बारिश और मिट्टी में पर्याप्त नमी रहने से रबी बुवाई को बढ़ावा मिला है। अधिकतर राज्यों में अभी भी बुवाई जारी है, ऐसे में आने वाले हफ्तों में रकबे में और बढ़ोतरी संभावित है। यदि यह बढ़त बरकरार रही तो 2025–26 रबी सीजन उत्पादन के लिहाज़ से एक मजबूत वर्ष साबित हो सकता है।

 

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