एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड ने भारत में तीसरी पीढ़ी के राइड-ऑन राइस ट्रांसप्लांटर पेश किए
एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड ने भारत में अपनी तीसरी पीढ़ी के KA6 और KA8 राइड-ऑन राइस ट्रांसप्लांटर लॉन्च किए हैं। ये ज्यादा उत्पादकता और प्रिसीजन उपलब्ध कराते हैं। कम ईंधन खर्च करने वाले कुबोटा इंजन के इन मॉडल में स्मार्ट टर्निंग, ऑटोमैटिक लिफ्ट, बेहतर प्लांटिंग क्लॉज और एर्गोनोमिक डिजाइन हैं। अभी तक सात राज्यों में पेश की गई इन मशीनों का मकसद मशीन से धान की खेती को बढ़ावा देना और भरोसेमंद, हाई-परफॉर्मेंस टेक्नोलॉजी से श्रमिकों की कमी को दूर करना है।
कृषि और कंस्ट्रक्शन उपकरण के क्षेत्र में भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग समूहों में से एक, एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड (EKL) ने कुबोटा ब्रांड के तहत अपने थर्ड-जेनरेशन राइड-ऑन राइस ट्रांसप्लांटर्स - KA6 और KA8 को लांच किया है। नए मॉडल एडवांस टेक्नोलॉजी को खेत की व्यावहारिकता के साथ जोड़ते हैं ताकि ज्यादा उत्पादकता, ऑपरेटर में आराम और सटीक प्लांटिंग मिल सके। ये मॉडल्स 7 राज्यों - तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना में पेश किए गए हैं, जहां धान के लिए मैकेनाइज्ड सॉल्यूशन की डिमांड बढ़ रही है।
KA6 और KA8 ट्रांसप्लांटर कुबोटा के कम ईंधन खपत वाले इंजन से चलते हैं। ये 21 और 24 हॉर्सपावर की ताकत देते हैं, जिससे मुश्किल परिस्थितियों में भी भरोसेमंद परफॉर्मेंस मिलती है। दोनों मॉडल में बेहतर हैंडलिंग के लिए स्मार्ट टर्निंग सिस्टम और ऑटोमैटिक लिफ्ट फंक्शन है। रीडिजाइन किए गए प्लांटिंग क्लॉज से पौधे लगाने में चूक काफी कम हो जाती है, और यह पक्का होता है कि पौधे एक जैसे लगें।
ऑपरेटर के काम को भी इसमें बेहतर बनाया गया है। मशीनों में आसान मूवमेंट के लिए चौड़ा प्लेटफॉर्म, थकान कम करने के लिए एर्गोनोमिक लेआउट और एलईड लाइट हैं जो सूरज डूबने के बाद भी खेती को आसान बनाते हैं। हल्का प्लांटिंग सेक्शन और लंबा व्हीलबेस, बेहतर संतुलन बनाता है। ट्रांसप्लांटर गहरे गीले खेतों में भी लंबे समय तक काम करने के लिए सही हैं।

इस मौके पर एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर और पूर्णकालिक डायरेक्टर भरत मदान ने कहा, “अक्सर मुश्किल हालात में कड़ी मेहनत करके भारत के किसानों ने लंबे समय से देश को खाना खिलाने की जिम्मेदारी निभाई है। एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड में हम मशीनीकरण को किसानों को मजबूत बनाने, उनकी इज्जत बढ़ाने और खेती को ज्यादा कुशल और टिकाऊ बनाने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन के तौर पर देखते हैं। नए KA सीरीज राइस ट्रांसप्लांटर इस सफर में एक अहम पड़ाव हैं। ग्लोबल टेक्नोलॉजी को लोकल जानकारी के साथ मिलाकर, हम भारत में मशीनीकरण के आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। साथ ही, देश के किसानों के लिए खुशहाली बढ़ा रहे हैं।”
एग्री सॉल्यूशंस बिजनेस डिवीजन के चीफ ऑफसर राजन चुघ ने कहा, “KA6 और KA8 ट्रांसप्लांटर इनोवेशन और किसान-केंद्रित डिजाइन के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। इन्हें धान के खेतों में असली चुनौतियों, जैसे मजदूरों की कमी से लेकर लंबे काम के घंटों तक, और हर सीजन में एक जैसी परफॉर्मेंस देने के लिए इंजीनियर किया गया है। ज्यादा हॉर्सपावर, स्मार्ट टर्निंग क्षमता और एर्गोनॉमिक लेआउट के साथ ये मशीनें धान की ट्रांसप्लांटिंग को किसान के लिए फायदेमंद बनाती हैं।”

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