सेब किसानों को केरल की सहकारी समितियों का मिलेगा बाजार समर्थन, सीएम विजयन ने दिया आश्वासन

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सेब किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से  बाजार समर्थन का आश्वासन दिया है। यह आश्वासन ऐसे समय आया है जब जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सेब उत्पादक गहरे संकट में हैं क्योंकि उत्पादन लागत कई गुना बढ़ गई है और किसानों को मिलने वाला रिटर्न लगातार घट रहा है।

एएफएफआई के प्रतिनिधिमंडल से मिले केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सेब किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से  बाजार समर्थन का आश्वासन दिया है। यह आश्वासन ऐसे समय आया है जब जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सेब उत्पादक गहरे संकट में हैं क्योंकि उत्पादन लागत कई गुना बढ़ गई है और किसानों को मिलने वाला रिटर्न लगातार घट रहा है।

एप्पल फार्मर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफएफआई) के प्रतिनिधिमंडल से नई दिल्ली में हुई मुलाकात में केरल के मुख्यमंत्री ने किसानों की मदद करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सेब किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित कराने के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से केरल के घरेलू बाजार में मार्केटिंग नेटवर्क विकसित करने की संभावनाओं पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। एएफएफआई ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी सेब पर आयात शुल्क 70 फीसदी से घटाकर 50 फीसदी कर दिया गया है जिसकी वजह से अमेरिकी सेब बड़ी मात्रा में भारतीय बाजारों में पहुंचेगा।

प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, पूर्व विधायक राकेश सिन्हा और एएफएफआई के संयोजक सोहन सिंह ठाकुर शामिल थे। इनके अलावा, भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के अध्यक्ष अशोक धवले, महासचिव विजू कृष्णन और वित्त सचिव पी कृष्णप्रसाद भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। एएफएफआई वैज्ञानिक खेती तकनीक और खेत से सीधे उपभोक्ता तक मार्केटिंग रणनीति अपनाकर उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने सहित सेब की खेती से संबंधित सभी मुद्दों पर सेब किसानों को संगठित कर रहा है।

बयान में कहा गया है कि “एएफएफआई ने सहकारी समितियों पर आधारित वैकल्पिक मार्केटिंग प्रणाली विकसित करने की परिकल्पना की है ताकि सेब किसान जबरिया बिक्री की मौजूदा मार्केटिंग व्यवस्था से बाहर निकल सकें जिसमें व्यापारियों, कमीशन एजेंटों, दलालों और कॉरपोरेट कंपनियों को अप्रत्याशित मुनाफा होता है, जबकि किसानों को बहुत कम मुनाफा होता है। साथ ही उन्हें समय पर उनकी उपज का पैसा भी नहीं मिलता है क्योंकि बाजार की प्रथा यह है कि पैसा फसल बिक्री के समय नहीं बल्कि बाद में दिया जाता है या कभी-कभी किसानों को पैसा मिलता ही नहीं है।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को उन प्रतिकूल परिस्थितियों से अवगत कराया जिनका वे सामना कर रहे हैं। उन्होंने एलडीएफ सरकार से सेब किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से उपज को खेत से उपभोक्ता तक ले जाने में मदद की मांग की। बयान के मुताबिक, रेलवे के माध्यम से सेब किसान 48 घंटों में चंडीगढ़ से कोच्चि तक सेब पहुंचा सकते हैं, जिससे सेब की शेल्फ लाइफ को अच्छी स्थिति में रखने में मदद मिलेगी। यदि यह तंत्र काम कर सका तो इससे सेब किसानों को मदद मिलेगी जिसके लिए उन्हें सहकारी समितियां भी बनानी होंगी।

मुख्यमंत्री ने सेब किसानों को केरल सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। बयान में कहा गया है कि एएफएफआई केरल में सहकारिता विभाग के मंत्री के साथ बातचीत करेगा और इस संबंध में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पेश करेगा।