खाद्य महंगाई के असर से लड़ने के लिए लोगों की आय बढ़ाने की जरूरतः नीति आयोग सदस्य

नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने सुझाव दिया है कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोगों की आमदनी बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि तकनीकी प्रगति के बावजूद कृषि उत्पादन लागत में कमी नहीं आई है। नीति आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बढ़ती खाद्य कीमतों और खाद्य उत्पादन लागत में वृद्धि से संबंधित चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए।

नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद (फाइल फोटो)।

नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने सुझाव दिया है कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोगों की आमदनी बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि तकनीकी प्रगति के बावजूद कृषि उत्पादन लागत में कमी नहीं आई है। नीति आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बढ़ती खाद्य कीमतों और खाद्य उत्पादन लागत में वृद्धि से संबंधित चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए।

नीति आयोग के एक बयान में प्रो. रमेश चंद ने कहा, "तकनीकी प्रगति के बावजूद उत्पादन लागत में उल्लेखनीय कमी नहीं आई है और आपूर्ति श्रृंखलाएं टुकड़ों में बंटी हुई हैं। इन मुद्दों से निपटने के लिए हमें लोगों की आय को बढ़ावा देना चाहिए।"

कार्यक्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि भारत 2030 से पहले गरीबी को आधा करने का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल कर सकता है। यह वैश्विक समुदाय, खासकर विकासशील देशों को अपने संबंधित लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक मॉडल प्रदान करेगा।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने 'भुखमरी को पूरी तरह से खत्म करने', 'अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण' और 'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा' के एसडीजी लक्ष्यों के संबंध में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला और पोषण, एनसीडी (गैर-संचारी रोग) एवं रोकी जा सकने वाली मौतों पर विशेष ध्यान देने के साथ 'भुखमरी को खत्म करने' पर भारत के फोकस को रेखांकित किया। उन्होंने सभी हितधारकों से इन लक्ष्यों के परिणाम बढ़ाने के लिए अपनी सिफारिशें और नए विचार साझा करने का आह्वान किया।