कृषि और आपदा प्रबंधन मे एआई, स्पेस और जीआईएस तकनीक का उपयोग जरूरी

भविष्य के लिए जलवायु अनुरूप कृषि और आपदा प्रबंधन संबंधी पर्यावरणीय मुद्दों, प्रबंधनकी रणनीतियों, सतत कार्यों और तकनीकों पर आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी और जीआईएस व अन्य के उपयोग पर स्वस्थ और व्यापक के विषय पर नोएडा स्थित एग्री-टेक कंपनी लीड्स कनेक्ट सर्विसेज ने देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा के सहयोग वर्कशॉप आयोजित किया गया

जलवायु अनुकूल कृषि और जलवायु परिवर्तन से आने वाली आपदाओं का जन-केंद्रित समाधान लाने के लिए विभिन्न विभागों और क्षेत्रों के विशेषज्ञों के एक साथ आने की जरूरत है। जलवायु अनुकूल कृषि और आपदा प्रबंधन के लिए प्रमाणित तकनीकों का उपयोग करने और एग्री-वेल्यू चेन में सभी हितधारकों के लिए उपयुक्त, व्यवहारिक और लागत प्रभावी समाधानों को समय पर लागू करने की जरूरत है। लीड्स कनेक्ट सर्विसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक नवनीत रविकर ने एक सेमिनार को संबोधित करते हुए यह बातें कही।  

भविष्य के लिए जलवायु अनुरूप कृषि और आपदा प्रबंधन संबंधी पर्यावरणीय मुद्दों, प्रबंधन की रणनीतियों, सतत कार्यों और तकनीकों पर आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी और जीआईएस व अन्य के उपयोग पर स्वस्थ और व्यापक के विषय पर नोएडा स्थित एग्री-टेक कंपनी लीड्स कनेक्ट सर्विसेज ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा के सहयोग यह सेमिनार आयोजित किया था।   

इस कार्यक्रम में शिक्षण संस्थानों, शोध संगठनों, उद्योग जगत के जाने-माने वक्ताओं के साथ-साथ विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों के 250 छात्र भी मौजूद रहे। राष्ट्रीय सेमिनार में विशेषज्ञ चर्चा, प्रमुख संबोधन और तकनीकी सत्रों जैसी कई गतिविधियां हुईं।

सेमिनार की शुरुआत उद्घाटन समारोह में लीड्स कनेक्टसर्विसेज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक नवनीत रविकर, लीड्स कनेक्ट सर्विसेज के कृषि शोध विभाग के उपाध्यक्ष  योगेश सिंह और बीआईटी, मेसरा के रिमोट एंड सेंसिंग विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ.एपी कृष्णा के संबोधन से हुई।

लीड्स कनेक्ट सर्विसेज और लीड्स रिसर्च लैब के प्रयासों पर अपने विचार साझा करते हुए बीआईटी, मेसरा केरिमोट एंड सेंसिंग विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डॉ. एपी कृष्णा ने कहा लीड्स कनेक्ट और उसकी टीम विशेष रूप से कृषि उत्पादकता और फसल विधि बदलने में, नकदी फसलों और भविष्य के खाद्य सुरक्षासिस्टों को चुनने वाले लोगों के लिए अच्छी भूमिका निभा सकते हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में आपदा प्रबंधन जोखिम ज्यादा होने के कारण यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में बेहतर कर सकते हैं।

कृषि और जलवायु परिवर्तन के चुनौतियों का सामना करने के लिए समग्र प्रयासों और चर्चा करने की तत्काल जरूरत है। इसके साथ ही ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए तकनीक का सहारा लेने की भी जरूरत है। पैनल में शिक्षाविद्, अनुसंधान और उद्योग विशेषज्ञों के साथ-साथ युवा शोध पैनल सत्र भी हुए,जिनमें डॉ. फायमा मुश्ताक, सुश्री बिजॉयलक्ष्मी गोगोई, डॉ. त्रिदेब पधी और डॉ. मधुरनंदा पहार शामिल हुए।

लीड्स कनेक्ट सर्विसेज स्पेस टेक्नोलॉजी और मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म्स का प्रयोग करते हुए झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र के पर्यावरण और आजीविका की गतिशीलता की जांच के लिए बिरला इंस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलॉजी (बीआईटी), मेसरा के साथ पिछले दो साल से काम कर रहा है। वे जन-केंद्रित उत्पादों कोविकसित कर रहे हैं, संगठन की रिसर्च लैब विभिन्न वैज्ञानिक मंचों पर सक्रिय रही है। इनमें प्रतिष्ठितवैज्ञानिक सम्मेलनों में आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस, कृषि और आपदा प्रबंधन पर सत्रों की अध्यक्षता करना और राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक सेमिनार आयोजित करना शामिल है।

लीड्स कनेक्ट मुख्य रूप से कृषि-तकनीक पर फोकस वाली एक विश्लेषण कंपनी है जो डाटा विश्लेषण और मॉडलिंग, जोखिम प्रबंधन और वित्तीय सेवाओं का काम करती है। इसका उद्देश्य टिकाऊ, मापनीय औरलाभदायक कृषि-व्यवसाय पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने के लिए कृषि मूल्य श्रृंखला को जोड़ना है। मुख्यफोकस वाले क्षेत्रों के अलावा यह कंपनी जलवायु और जोखिम, लैंडस्केप, जैव-विविधता, शहर और भू-स्थानिक से संबंधित शोध और विकास आधारित विश्लेषण में भी काम करती है।