केंद्र सरकार ने वर्ष 2030-31 तक देश में दलहन उत्पादन को 40 प्रतिशत बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है, जो वर्तमान में 250 लाख टन के आसपास है। केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर 2025 को “पीएम धन-धान्य कृषि योजना” और “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” का शुभारंभ करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र ने उल्लेखनीय प्रगति की है और भारत जल्द ही विश्व का “फूड बास्केट” बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक देश में खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेकिन दलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अभी शेष है।
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत अधिकतम खरीद और किसानों व उपभोक्ताओं के हितों के बीच संतुलन बनाए रखने का आह्वान भी किया।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर दारोमदार
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता है, फिर भी देश को हर वर्ष बड़ी मात्रा में आयात करना पड़ता है। इसी चुनौती से निपटने के लिए “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने ‘दलहन मिशन’ के तहत बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030-31 तक दालों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी करना है। वर्तमान में बुवाई क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर है जिसे बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। दालों का उत्पादन बढ़ाकर 350 लाख टन किया जाएगा। साथ ही प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 880 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है जिसे बढ़ाकर 1,130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर करने का प्रयास होगा।
उन्नत किस्मों के विकास पर जोर
कृषि मंत्री ने बताया कि उच्च उत्पादकता वाली, कीट एवं जलवायु प्रतिरोधी किस्मों के विकास पर जोर दिया जा रहा है। किसानों को 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज और 88 लाख नि:शुल्क मिनी किट्स वितरित किए जाएंगे। वहीं, दलहन उत्पादक क्षेत्रों में 1,000 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिन पर सरकार 25 लाख रुपये की सब्सिडी देगी।
100 जिला में पीएम धन-धान्य कृषि योजना
प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना के तहत देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों की पहचान की गई है। इन जिलों में सिंचाई, भंडारण, फसल विविधिकरण और ऋण सुविधाओं का विस्तार कर उत्पादकता बढ़ाने के विशेष प्रयास किए जाएंगे। नीति आयोग डैशबोर्ड के माध्यम से योजना की निगरानी करेगा।
11 अक्टूबर को होगा शुभारंभ
11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा से दोनों योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर ₹42,000 करोड़ रुपये से अधिक की 1,100 कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री इस अवसर पर उत्कृष्ट किसानों, एफपीओ, सहकारी समितियों और नवाचारकर्ताओं को सम्मानित करेंगे। साथ ही, देशभर में 10,000 एफपीओ, 1 लाख से अधिक जैविक प्रमाणित किसान, और 10,000 नई ई–PACS समितियों जैसी प्रमुख उपलब्धियों को भी रेखांकित किया जाएगा।