गेहूं की सरकारी खरीद 263 लाख टन तक पहुंची, कम दाम के चलते यूपी बना प्राइवेट खरीद का केंद्र

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कुल 263.19 लाख टन गेहूं खरीद में सबसे अधिक 106.83 लाख टन की खरीद पंजाब में हुई है। मध्य प्रदेश में 69.24 लाख टन और हरियाणा में 67.45 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है।

चालू रबी मार्केटिंग सीजन (2025-26) के दौरान देश भर में 263 लाख टन से अधिक गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है। इस साल गेहूं की बंपर पैदावार को देखते हुए उम्मीद है कि सरकारी खरीद 300 लाख टन से ऊपर पहुंच जाएगी। केंद्र सरकार 332.7 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य हा रखा है जबकि पिछले साल 266 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। 

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक मई, 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, 263.19 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है। चालू सीजन की खास बात यह है कि निजी क्षेत्र की खरीद के लिए इस बार उत्तर प्रदेश मुख्य केंद्र के रूप में उभरा है। क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 175 रुपये का बोनस देने से वहां गेहूं का प्रभावी खरीद मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विटंल है, जबकि चालू सीजन के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कुल 263.19 लाख टन गेहूं खरीद में सबसे अधिक 106.83 लाख टन की खरीद पंजाब में हुई है। मध्य प्रदेश में 69.24 लाख टन और हरियाणा में 67.45 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। वहीं, राजस्थान में 11.65 लाख टन, हिमाचल प्रदेश में 2058 टन, उत्तराखंड में 142 टन, बिहार में 14291 टन और गुजरात में 2787 टन गेहूं खरीद हुई है। 

उद्योग सूत्रों के मुताबिक, देश की गेहूं उत्पाद बेचने वाली बड़ी कंपनियां और आटा मिलें उत्तर प्रदेश से गेहूं की खरीद कर रही हैं क्योंकि यहां गेहूं की कीमत 2375 रुपये से 2450 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हैं।

यूपी से 8 लाख टन गेहूं की खरीद 

उत्तर प्रदेश सरकारी आंकड़ों में गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है जहां करीब 357 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है जबकि देश भर में 11.54 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान केंद्र सरकार ने लगाया है। उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार, 2 मई तक राज्य में करीब 8 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है। जबकि केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश से 30 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने 60 लाख टन गेहूं खरीद की तैयारी की थी।

बेहतर भाव से वंचित यूपी के किसान 

उत्तर प्रदेश सरकार पर गेहूं खरीद बढ़ाने का भरसक प्रयास कर रही है। परोक्ष रूप से निजी व्यापारियों द्वारा खरीद को हतोत्साहित भी किया जा रहा है। राज्य से निजी कंपनियों को रेलवे रैक मिलने पर परोक्ष रूप से लगभग पाबंदी होने के चलते प्राइवेट ट्रेडर्स को ट्रकों के जरिये ढुलाई करनी पड़ रही है जिससे लागत बढ़ जाती है। अगर इस तरह की पाबंदियां न होती तो यूपी में किसानों को गेहूं का बेहतर दाम मिलने की संभावना थी। 

ऐसे में सवाल यह कि जब यूपी के किसानों को गेहूं का दाम एमएसपी से अधिक दाम मिलने की संभावना है तो उनसे यह मौका छीना क्यों जा रहा है। जबकि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में सरकार गेहूं पर 175 रुपये और राजस्थान में 150 रुपये प्रति क्विंटन का बोनस दे रही हैं। जबकि वहां भी यूपी की तरह भाजपा की ही सरकारें हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में किसानों को न तो बोनस मिला और न ही प्राइवेट ट्रेडर्स से खरीद का पूरा लाभ मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में बेहतर दाम का मौका गंवाने वाला उत्तर प्रदेश का किसान खुद को ठगा महसूस करेगा।

इस साल उत्तर प्रदेश में किसानों को गेहूं का दाम एमएसपी से अधिक मिलने की संभावना थी क्योंकि जो कंपनियां और आटा मिलें मध्य प्रदेश से गेहूं खरीदती थी, वो इस साल एमपी में बोनस के कारण ऊंचे दाम के चलते यूपी का रुख कर रही हैं। देश की अधिकांश बड़ी कंपनियां यूपी से खरीद कर रही हैं। निर्यात की संभावना देख रहे कारोबारी और दक्षिणी भारत की आटा मिलें मालिक भी उत्तर प्रदेश से गेहूं खरीदने में जुटे हैं।

रूरल वॉयस की उद्योग सूत्रों से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले साल सरकार ने खुले बाजार में कम गेहूं बेचा और कीमतें ऊंची बनी रही थीं। इसलिए इस बार कोई कंपनी जोखिम नहीं लेना चाहती है और सीजन की शुरुआत में ही गेहूं खरीद कर रहे हैं। दक्षिण की मिलों और बड़ी कंपनियों ने स्थानीय कारोबारियों के जरिये खरीद का रास्ता अपनाया है। पहले शाहजहांपुर और हरदोई जैसे इलाकों में ज्यादा निजी खरीद होती थी, इस बार गोंडा, बदायूं और इलाहबाद के आसपास के क्षेत्रों में अधिक खरीद हो रही है।

चालू सीजन में पंजाब से 124 लाख टन, हरियाणा से 75 लाख टन और मध्य प्रदेश से 80 लाख टन की सरकारी खरीद का लक्ष्य रखा गया है। बिहार के लिए दो लाख टन, गुजरात के लिए एक लाख टन और और उत्तराखंड के लिए 50 हजार टन गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य हासिल किये जाने की संभावना है, जबकि बाकी राज्यों में खरीद लक्ष्य पूरा होने की संभावना काफी कम है।