हरियाणा में फसल नुकसान की भरपाई के लिए 53,821 किसानों को 116 करोड़ रुपये मुआवजा जारी

खरीफ सीजन 2025 की फसलों के प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 5,29,199 किसानों ने 31 लाख एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण कराया। सत्यापन के बाद 53,821 किसानों की 1,20,380 एकड़ कृषि भूमि प्रभावित पाई गई।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अगस्त–सितंबर माह में हुई भारी बारिश और बाढ़ से हुए फसली नुकसान की भरपाई के लिए 53,821 किसानों को कुल 116 करोड़ 15 लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी की। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा भी उपस्थित रहे।

चंडीगढ़ सिविल सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि जारी की गई मुआवजा राशि में बाजरे के लिए 35 करोड़ 29 लाख रुपये, कपास के लिए 27 करोड़ 43 लाख रुपये, धान के लिए 22 करोड़ 91 लाख रुपये और ग्वार के लिए 14 करोड़ 10 लाख रुपये शामिल हैं। इस राशि का भुगतान तुरंत प्रभाव से शुरू कर दिया गया है और अगले एक सप्ताह में संपूर्ण राशि लाभार्थी किसानों के खातों में पहुंच जाएगी।

उन्होंने बताया कि गत अगस्त–सितंबर में भारी बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया था और किसानों को फसल नुकसान का विवरण दर्ज कराने का आह्वान किया गया था।

प्रदेश के तीन जिलों में सर्वाधिक नुकसान दर्ज किया गया। चरखी दादरी के किसानों को 23 करोड़ 55 लाख रुपये, हिसार को 17 करोड़ 82 लाख रुपये और भिवानी को 12 करोड़ 15 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। इससे पहले भी सरकार बाढ़ के कारण पशुधन हानि, मकान क्षति और अन्य उपयोगी वस्तुओं के नुकसान की भरपाई के लिए 4 करोड़ 72 लाख रुपये जारी कर चुकी है।

5 लाख से ज्यादा किसानों ने कराया था पंजीकरण

खरीफ सीजन 2025 की फसलों के प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 5,29,199 किसानों ने 31 लाख एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण कराया। सत्यापन के बाद 53,821 किसानों की 1,20,380 एकड़ कृषि भूमि प्रभावित पाई गई।

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है और यदि किसान को कोई नुकसान होता है तो सरकार उसकी भरपाई करती है। पिछले 11 वर्षों में फसल नुकसान मुआवजा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से कुल 15,448 करोड़ रुपये की सहायता किसानों को दी गई है।

कांग्रेस पर हमला

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार किसानों के साथ “भद्दा मजाक” करती थी। पटवारियों द्वारा ठीक से सत्यापन न किए जाने के कारण किसानों को पूरा मुआवजा नहीं मिलता था। कई किसानों को 2-2 रुपये और 5-5 रुपये के चेक दिए जाते थे। कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों में कुल 1,138 करोड़ रुपये का मुआवजा जारी किया गया था।

लापरवाही पर कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने बताया कि खरीफ सीजन 2025 में फसलों के नुकसान के सत्यापन कार्य में लापरवाही बरतने वाले 6 पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि हर अधिकारी जनता के प्रति जवाबदेह है, और आगे भी किसी तरह की कोताही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बाजरा किसानों को 358 करोड़ रुपये जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए खरीफ सीजन 2021 में बाजरे को भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया गया था। खरीफ सीजन 2025-26 में बाजरे की खरीद 23 सितंबर से आरंभ की गई थी।

उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को 575 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बाजारा भावांतर योजना का लाभ देने का निर्णय लिया। इसी तहत आज 1 लाख 57 हजार किसानों को 358 करोड़ 62 लाख रुपये की राशि जारी कर दी गई है। इसका भुगतान तुरंत शुरू हो गया है और एक सप्ताह में राशि किसानों के खातों में चली जाएगी।

इस सीजन में 6.23 लाख मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की गई, और अब तक 927 करोड़ रुपये भावांतर के रूप में किसानों को दिए जा चुके हैं। आज जारी राशि के साथ यह आंकड़ा बढ़कर 1,285 करोड़ 62 लाख रुपये हो गया है।