बिजनौर में नकली खाद का बड़ा भंडाफोड़, 450 कट्टे जब्त, नामी कंपनियों की पैकिंग में भरी जा रही थी फर्जी खाद

छापेमारी के दौरान मौके पर बड़ी मात्रा में नकली खाद, खाली कट्टे और पैकिंग सामग्री पकड़ी गई। फर्जी खाद को नामी कंपनियों के कट्टों में भरकर बाजार में भेजा जा रहा था। मौके से नकली खाद के 450 कट्टे जब्त किए गये।

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में नकली खाद के एक अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। प्रशासन की छापेमारी में खाद के 450 कट्टे बरामद किए गए हैं, जिन्हें नामी कंपनियों की पैकिंग में भरकर बेचने की तैयारी की जा रही थी।

बिजनौर की रिंग रोड पर स्थित कृष्णापुरम कॉलोनी के एक मकान पर यह कार्रवाई की गई। उप जिलाधिकारी सदर रितु चौधरी और उप कृषि निदेशक घनश्याम वर्मा के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर छापेमारी की। आरोप है कि मोहित व सोहित पुत्र राकेश कुमार निवासी आदमपुर द्वारा कई अन्य लोगों के साथ मिलकर नकली खाद का कारोबार चलाया जा रहा था।  

एसडीएम सदर रितु चौधरी ने बताया कि उन्हें एक मकान में फर्जी खाद लाकर बड़ी कंपनियों के नाम पर सप्लाई किए जाने की शिकायत मिली थी। सूचना के आधार पर छापा मारा गया। बरामद खाद के सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें अग्रिम कार्रवाई के लिए जांच हेतु भेजा जा रहा है। अधिकारियों ने तुरंत मकान को सील कर दिया और मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। मौके से नकली खाद के 450 कट्टे जब्त किए गए हैं। 

फर्जी खाद का मामला सामने आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि यह नकली खाद कहां से आ रही थी और इसकी सप्लाई कहां-कहां हो रही थी। साथ ही, इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या विभाग के किसी अधिकारी या कर्मचारी की इसमें मिलीभगत थी।

किसान नेता ने कृषि विभाग पर उठाए सवाल

इस भंडाफोड़ के बाद भाकियू (अराजनैतिक) के युवा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कृषि विभाग को कटघरे में खड़ा किया है। चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा कि नकली खाद का यह धंधा कृषि विभाग की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और अवैध कारोबार को संरक्षण देने वाले सभी सरकारी अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले पर उन्होंने जिला कृषि अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठाया। 

चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब नकली खाद का मामला सामने आया है। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ऐसा लगता है कि इन माफियाओं को विभागीय संरक्षण प्राप्त है।"

किसानों के साथ बड़ी धोखाधड़ी

नकली खाद से किसानों को दोहरा नुकसान पहुंचता है। उनका पैसा भी खर्च होता है लेकिन असली खाद की जगह नकली खाद डालने से फसलों को पोषण नहीं मिल पाता और उत्पादन गिर जाता है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित होती है। पूरे देश में नकली खाद एक बड़ी समस्या बन चुका है। 

प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे पूरी तरह प्रमाणित व अधिकृत विक्रेताओं से ही खाद खरीदें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल विभाग को दें।