महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ के चलते फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है। हालांकि पिछले 2–3 दिनों से बारिश थमी है, लेकिन अभी भी राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। कुल 33 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें मराठवाड़ा के 8 जिले तथा पश्चिम महाराष्ट्र के सोलापुर और अहिल्यानगर जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।
प्रदेश सरकार के अनुसार, महाराष्ट्र के लगभग 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारी बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो फसल बर्बादी का आंकड़ा एक करोड़ हेक्टेयर से ऊपर जा सकता है। आमतौर पर महाराष्ट्र में बाढ़ का खतरा ज्यादा नहीं रहता, लेकिन इस साल मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। अगले चार–पांच दिनों में नुकसान का अपडेटेड आंकड़ा सामने आने की संभावना है।
किन जिलों में हुआ नुकसान
गोदावरी नदी के किनारे नाशिक, छत्रपति संभाजीनगर, बीड, जालना, हिंगोली, परभणी और नांदेड जिलों में सबसे ज्यादा खेती को नुकसान हुआ है। वहीं, अहिल्यानगर, सोलापुर और धाराशिव जिलों से बहने वाली सीना नदी के किनारे भी भारी क्षति हुई है। बीड, जालना, धाराशिव और सोलापुर जिलों में बड़े पैमाने पर खेतों की उपजाऊ मिट्टी बह गई है, जो किसानों के लिए एक नई चुनौती है।
महाराष्ट्र के कई जिलों में गन्ने की फसल को काफी नुकसान पहुंचा
सबसे ज्यादा नुकसान सोयाबीन, अरहर, मूंग, उड़द, कपास और गन्ने की फसलों को हुआ है। इसके अलावा मोसंबी, आम, अंगूर, अनार और अमरूद जैसी प्रमुख बागवानी फसलें भी प्रभावित हुई हैं। उपजाऊ मिट्टी का बह जाना, पशुधन की हानि और सिंचाई पंप व कुओं को हुए नुकसान ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
खेतों की उपजाऊ मिट्टी बहकर खेती बरबाद हुई है, ये नया गंभीर संकट है
किसानों को मदद का इंतजार
प्रदेश सरकार ने मई से अगस्त माह तक हुए फसल नुकसान के लिए अब तक 2,250 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खातों में जमा कराई है। फिलहाल महाराष्ट्र में आपदा प्रभावित किसानों को 2 हेक्टेयर भूमि पर 8,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
अधिक बारिश में खराब होने के कारण सोयाबीन काला पडा है
हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी दी और केंद्र से मदद की मांग की। फडणवीस ने बताया कि केंद्र सरकार ने नुकसान का विस्तृत डेटा मांगा है, जिसे अगले कुछ दिनों में भेज दिया जाएगा। उसके बाद केंद्र सरकार मदद की राशि राज्य को उपलब्ध कराएगी। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि दिवाली से पहले प्रभावित किसानों को सहायता राशि दी जाएगी।
आपदा की मार झेल रहे किसानों के लिए कर्जमाफी की मांग भी उठ रही है। इस पर राज्य सरकार को जल्द निर्णय लेना होगा। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी बाढ़ प्रभावित किसानों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
किसानों की निगाहें अब मुंबई और दिल्ली की सरकारों पर टिकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय पर पर्याप्त मदद नहीं मिली, तो प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़ सकते हैं।