केंद्र सरकार ने गन्ने का FRP 15 रुपये बढ़ाया, नए सीजन के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल होगा दाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने 2025-26 पेराई सीजन के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) में 15 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी है

केंद्र सरकार ने गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) में 15 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। इस प्रकार अब गन्ने का एफआरपी 355 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने 2025-26 पेराई सीजन के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) में 15 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी है। इस निर्णय के साथ, गन्ने का FRP अब 340 रुपये से बढ़कर 355 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। नया दाम 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाली गन्ना खरीद पर लागू होगा।

केंद्र सरकार ने गन्ने का 355 रुपये प्रति क्विंटल एफआरपी 10.25% चीनी रिकवरी दर के आधार पर तय किया है। इससे अधिक रिकवरी में प्रत्येक 0.1% की वृद्धि के लिए 3.46 रुपये/क्विंटल का प्रीमियम दिया जाएगा जबकि रिकवरी में प्रत्येक 0.1% की कमी के लिए एफआरपी में 3.46 रुपये/क्विंटल की कटौती होगी। जिन चीनी मिलों की रिकवरी 9.5% से कम है, वहां और अधिक कटौती नहीं होगी और किसानों को गन्ने का एफआरपी 329.05 रुपये/क्विंटल मिलेगा।

देश भर के गन्ना किसान लंबे समय से बढ़ती लागत के कारण गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। हालांकि, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे कई राज्य अपने स्तर पर राज्य परामर्श मूल्य (SAP) तय करते हैं जो FRP से अधिक होता है। यूपी में इस साल गन्ने के एसएपी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। अब केंद्र सरकार द्वारा एफआरपी बढ़ाने से यूपी जैसे राज्यों पर भी गन्ने के एसएपी में बढ़ोतरी का दबाव बढ़ेगा। किसानों की ओर से गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की जा रही है। फिलहाल यूपी में अगैती प्रजाति के गन्ने का एसएपी 370 रुपये प्रति क्विंटल है।

चीनी सीजन 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने की उत्पादन लागत (A2+FL) 173 रुपये प्रति क्विंटल मानी है। इस आधार पर सरकार का दावा है कि 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी उत्पादन लागत से 105.2% यानी दोगुने से अधिक है। चीनी सीजन 2025-26 के लिए एफआरपी मौजूदा चीनी सीजन 2024-25 के मुकाबले 4.41% अधिक है।

इससे पहले, फरवरी 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने 2024-25 सीजन के लिए गन्ने के एफआरपी को 315 रुपये से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल किया था। देश में लगभग 5 करोड़ करोड़ किसान और उनके परिजन गन्ने की खेती पर निर्भर हैं। इसके अलावा लगभग 5 लाख लोग शुगर फैक्ट्री और इंडस्ट्री से जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे देश के बड़े राज्यों की राजनीति में गन्ना किसान अहमियत रखते हैं।