दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रोड सेफ़्टी एडवाइजरी काउंसिल के पूर्व सदस्य डॉ. नरेश कुमार ने केंद्र सरकार के उस फैसले की कड़ी आलोचना की है, जिसके तहत नई बनी अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) पर अत्यधिक टोल टैक्स वसूला जाएगा। इस सड़क का उद्घाटन 17 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। इसे दिल्ली का तीसरा रिंग रोड भी कहा जा रहा है।
डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि दिल्ली में पहली बार इस तरह का ऊँचा टोल टैक्स लगाया जा रहा है, जो पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तुलना में कहीं अधिक है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए किसानों की ज़मीन ली गई, लेकिन बदले में उन्हें बेहद कम मुआवज़ा दिया गया, जो पड़ोसी राज्यों से भी बहुत कम है। सरकार अब तक उन्हें वैकल्पिक (अल्टरनेटिव) प्लॉट देने की प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाई है। किसान न्याय पाने के लिए कोर्ट में केस लड़ रहे हैं और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है।
उन्होंने बताया कि आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार टोल टैक्स की दरें इस प्रकार हैं:
• क्लास 1 (कार/जीप/वैन): ₹235 (एकतरफ़ा), ₹350 (वापसी)
• क्लास 2 (हल्का वाणिज्यिक वाहन/छोटा ट्रक/मिनी ट्रक): ₹375 (एकतरफ़ा), ₹565 (वापसी)
• क्लास 3 (बस/ट्रक – 2 एक्सल): ₹860 (एकतरफ़ा), ₹1290 (वापसी)
• क्लास 4 (भारी वाहन – 3 एक्सल/मल्टी एक्सल): ₹1235 (एकतरफ़ा), ₹1855 (वापसी)
• क्लास 5 (ट्रेलर – 4/5/6 एक्सल): ₹1505 (एकतरफ़ा), ₹2260 (वापसी)
डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि ये दरें अत्यधिक ऊँची और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने टोल टैक्स की दरों में तुरंत कम से कम 50% की कटौती की मांग की है। इसके अलावा उनकी मांगों में प्रभावित गाँवों के ग्रामीणों को पूर्ण छूट देना, किसानों को उनकी अधिग्रहीत भूमि का उचित मुआवज़ा देना और वैकल्पिक प्लॉट शीघ्र उपलब्ध कराना शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार इस सड़क को बड़ी उपलब्धि बता रही है, लेकिन हकीकत यह है कि साधारण नागरिक और किसान इस अनुचित टोल दरों और अन्यायपूर्ण मुआवज़ा नीति से भारी बोझ तले दब गए हैं। इस मुद्दे पर उन्होंने एक मेमोरेंडम केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भेजा है, जिसकी प्रति प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को भी भेजी गई है।