रेटिंग एजेंसी ICRA ने घरेलू ट्रैक्टर उद्योग के लिए अपने विकास अनुमान में उल्लेखनीय सुधार करते हुए कहा है कि चालू वित्त वर्ष में ट्रैक्टरों की थोक बिक्री 15–17 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इससे पहले एजेंसी ने इसमें 8–10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था। हाल के महीनों में उद्योग के मजबूत प्रदर्शन, अनुकूल नीतिगत कदमों और बेहतर कृषि परिस्थितियों को देखते हुए यह संशोधन किया गया है।
ICRA के अनुसार, हालिया बिक्री आंकड़े ट्रैक्टर उद्योग में तेजी की पुष्टि करते हैं। नवंबर महीने में ट्रैक्टरों की थोक बिक्री में सालाना आधार पर 30.1 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, अप्रैल से नवंबर की अवधि के दौरान कुल थोक बिक्री में 19.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसके चलते एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान पर पुनर्विचार करते हुए उसमें संशोधन किया है।
एजेंसी ने बेहतर आउटलुक का श्रेय आर्थिक, नीतिगत और सेक्टर-विशेष कारकों को दिया है। इनमें सबसे प्रमुख कारण ट्रैक्टरों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दर को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाना है। इस नीतिगत बदलाव से किसानों की क्रय क्षमता में सीधे तौर पर सुधार हुआ है। कम जीएसटी दर के कारण ट्रैक्टरों की कीमतों में कमी आई है, जिससे विभिन्न हॉर्सपावर श्रेणियों में किसानों को 40,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की बचत हो रही है। इससे नए ट्रैक्टरों की खरीद पहले की तुलना में अधिक सुलभ हुई है।
इसके अलावा, इस वर्ष पर्याप्त और समय पर हुई बारिश ने भी ग्रामीण मांग को मजबूती दी है। बेहतर मानसून के कारण बुवाई कार्य सुचारू रहा है, फसल उत्पादन की संभावनाएं बेहतर हुई हैं और किसानों की आय तथा नकदी प्रवाह में सुधार आया है। इन सभी कारकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक माहौल बनाया है और मेकैनाइजेशन जैसे पूंजीगत निवेश के लिए किसानों का भरोसा बढ़ाया है।
ICRA ने आगे कहा कि आने वाले महीनों में कुछ नियामकीय बदलाव भी ट्रैक्टर बिक्री को प्रभावित कर सकते हैं। 1 अप्रैल से सख्त ट्रैक्टर उत्सर्जन मानकों के लागू होने से पहले प्री-बाइंग की संभावना है। नए नियमों के लागू होने से पहले किसान और डीलर मौजूदा उत्सर्जन मानकों के तहत ट्रैक्टर खरीदना पसंद कर सकते हैं, जिससे निकट भविष्य में थोक बिक्री को अतिरिक्त समर्थन मिल सकता है।
कुल मिलाकर, संशोधित अनुमान ट्रैक्टर उद्योग में मजबूत पुनरुद्धार और विस्तार के चरण की ओर संकेत करता है, जिसे ठोस नीतिगत समर्थन, अनुकूल कृषि परिणाम और आगामी नियामकीय बदलावों से जुड़ी बाजार गतिशीलताएं आगे बढ़ा रही हैं।