अगस्त में ठहर गया मानसून, अल-नीनो के मजबूत होने से 29 फीसदी कम हुई बारिश

अगस्त में अब तक मानसून की बारिश सामान्य से 29 फीसदी कम रही है जिसकी वजह से  देश के कई इलाकों में सूखा बना हुआ है। चिंताजनक बात यह भी है कि अमेरिकी मौसम विज्ञानी अल नीनो के मजबूत होने की 66 फीसदी संभावना जता रहे हैं। इसका मतलब है कि अल नीनो का प्रभाव भारत में भी महसूस किया जा सकता है जिससे मानसून और कमजोर हो सकता है।

अगस्त में अब तक मानसून की बारिश सामान्य से 29 फीसदी कम रही है जिसकी वजह से  देश के कई इलाकों में सूखा बना हुआ है। चिंताजनक बात यह भी है कि अमेरिकी मौसम विज्ञानी अल नीनो के मजबूत होने की 66 फीसदी संभावना जता रहे हैं। इसका मतलब है कि अल नीनो का प्रभाव भारत में भी महसूस किया जा सकता है जिससे मानसून और कमजोर हो सकता है। कुल मिलाकर अब तक देश में मानसून की बारिश +/-4 फीसदी के साथ सामान्य बनी हुई है, लेकिन अगस्त में कम बारिश हुई है।

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने पूर्वानुमान में कहा था कि अगस्त में अल नीनो का असर बारिश पर पड़ेगा। जबकि जुलाई में सामान्य या सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारिश होगी। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के चलते जुलाई में सामान्य की तुलना में लगभग 13 फीसदी अधिक बारिश हुई। आमतौर पर मानसून के चार महीनों में जुलाई के बाद अगस्त सबसे अधिक बारिश वाला दूसरा महीना होता है। मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ है और अगस्त में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है।

मजबूत होते अल नीनो ने मानसून के दूसरे भाग में बारिश को रोक दिया है। आमतौर पर अगस्त में 25.49 सेमी बारिश होती है। आईएमडी ने कहा है कि मानसून सीजन के दूसरे हिस्से (अगस्त-सितंबर) के दौरान पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य (दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 94-106%) होने की संभावना है। इसमें सामान्य का पक्ष नकारात्मक रहेगा।  अगस्त के दौरान पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम (एलपीए का 94%) होने की संभावना है।

30 जून को आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया था कि जुलाई में बारिश सामान्य या सामान्य से 6 फीसदी अधिक होगी। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के कारण जुलाई में सामान्य की तुलना में लगभग 13 फीसदी अधिक बारिश हुई। जुलाई में उत्तर-पश्चिम और दक्षिणी भारत में बारिश कम होने का अनुमान आईएमडी ने लगाया था लेकिन उसका पूर्वानुमान सही नहीं निकला। उत्तर-पश्चिम में सामान्य से 25 फीसदी अधिक और दक्षिणी भारत में 45 फीसदी अधिक बारिश हुई। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 32 कम बारिश दर्ज की गई।

आईएमडी ने जुलाई के मानसून के विश्लेषण में कहा कि कुल मिलाकर उत्तर पश्चिम भारत में 2001 के बाद सबसे अधिक बारिश हुई है। चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के सारे रिकॉर्ड टूट गए। जून में मानसून शुरू होने से पहले आईएमडी ने जून-सितंबर के लिए बारिश सामान्य से 4 फीसदी कम होने का अनुमान लगाया था। अब तक जून और जुलाई की संयुक्त बारिश सामान्य से 5 फीसदी अधिक है।

आईएमडी ने एक बयान में कहा था कि अगस्त में दक्षिण प्रायद्वीप, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के अधिकांश हिस्सों और उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से ज्यादा तापमान रहेगा।