उत्तर प्रदेश में धान का क्षेत्रफल 60 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा

उत्तर प्रदेश में धान की खेती का रकबा पिछले साल 58.9 लाख हेक्टयर की तुलना में इस साल 60 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है । इस साल खरीफ सीजन में अनुकूल मौसम, बेहतर बारिश के कारण पिछले साल की तुलना में धान का उत्पादन दस लाख टन अधिक होने की संभावना है। पिछले साल राज्य में 250.7 लाख टन धान का उत्पादन हुआ था

लखनऊ 

उत्तर प्रदेश में इस साल कोरोना महामारी की दूसरी लहर के संकट के बावजूद लगातार  दूसरे साल धान के उत्पादन में एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है । इस साल  राज्य में धान की खेती का रकबा पिछले साल 58.9 लाख हेक्टयर  की तुलना में इस साल 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर पहुच गया है। इस साल खरीफ सीजन में अनुकूल मौसम, बेहतर बारिश के कारण पिछले साल की तुलना में 10 लाख टन अधिक धान का उत्पादन होने की संभावना है। पिछले साल  250.7 लाख टन धान का उत्पादन हुआ था।

कृषि विभाग ने इस खरीफ सीजन में 96.03 लाख हेक्टेयर खेती क्षेत्रफल में से 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर धान की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमे से 4 अगस्त तक 57.72 लाख हेक्टयर क्षेत्रफल पर  धान की बुवाई पूरी की जा चुकी है। शेष बची हुई क्षेत्रफल पर 15 अगस्त तक धान की बुवाई पूरी होने की संभावना है।

 धान की बुवाई के क्षेत्रफल के आधार पर आंकलन किया जा रहा है कि इस साल धान के उत्पादन में एक नया रिकार्ड कायम होगा। राज्य के 18 डिवीजनों  में से सर्वाधिक बुवाई बरेली डिवीजन में हुई है औऱ यहां पर  धान का उत्पादन सबसे अधिक होने की संभावना है। इस सीजन मे राज्य में अनुकूल मौसम के कारण मोटे अनाज जैसे बाजरा और मक्का के उत्पादन में भी एक नया रिकॉर्ड बनने की संभावना है । इस तरह उत्तर प्रदेश अपना  देश की फूड बास्केट में  अपना अंशदान औऱ बढ़ा सकेगा।

एक सरकारी अधिकारी  ने दावा किया है कि इस लक्ष्य को पाने के लिए  बुवाई के समय से खाद और बीजों का वितरण सुनिश्चित किया गया। किसानो को  फसल के लिए आगे भी  यूरिया, डीएपी, एनपीके, जिंक और पोटाश जैसे उर्वरकों की कोई कमी न हो, यह सुनिश्चित किया गया है।

उन्होंने कहा कि रबी फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है । इसके लिए सरकार की तरफ से किसानों को कृषि उपकरण और उन्नत बीज उपलब्ध कराए गए ।  वहीं कोराना काल में गेहूं की समय से कटाई हो इसके लिए मशीनों की आवाजाही हमेशा की तरह जारी रहे। और अब सरकार धान, बाजरा, मक्का, मूंगफली सोयाबीन, तिल, तूर सहित अन्य खरीफ फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसी बीच उत्पादन में अनुमानित वृद्धि को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार खाद्यान्न भंडारण क्षमता को बढ़ाने पर काम कर रही है । 2017 में, राज्य में भंडारण क्षमता 29 लाख टन थी,इसे बढ़ाकर 51 लाख टन कर दिया गया है। अब, राज्य 2022 तक 70 लाख टन तक भंडारण क्षमता का लक्ष्य रख रहा है।