मध्यप्रदेश में मूंग खरीद का ऐलान होते ही सक्रिय हुए व्यापारी, कीमतों में उछाल
सरकारी खरीद की घोषणा होते ही निजी व्यापारी भी मूंग खरीद में सक्रिय हो गए हैं, जिससे मूंग के दाम 7,000 से 7,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। जबकि कुछ दिन पहले तक किसान 6,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम रेट पर मूंग बेचने को मजबूर थे।

मध्यप्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग और उड़द की खरीद के लिए 19 जून से पंजीकरण शुरू हो गये हैं। हालांकि, पहले दिन ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली के सुचारू रूप से काम न करने के कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इसी बीच, सरकारी खरीद की घोषणा होते ही निजी व्यापारी भी मूंग खरीद में सक्रिय हो गए हैं, जिससे मूंग के दाम 7,000 से 7,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। जबकि कुछ दिन पहले तक किसान 6,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम रेट पर मूंग बेचने को मजबूर थे।
राज्य के किसान पिछले काफी दिनों से मूंग खरीद की मांग उठा रहे थे। किसानों के विरोध-प्रदर्शन बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मूंग और उड़द की खरीद का निर्णय लिया। राज्य के 36 मूंग उत्पादक जिलों में मूंग की खरीद 8,682 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 13 उड़द उत्पादक जिलों में उड़द की खरीद 7,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी। पंजीकरण की अंतिम तिथि 6 जुलाई है, जबकि खरीद प्रक्रिया 7 जुलाई से 6 अगस्त तक चलेगी। राज्य सरकार ने 8 लाख टन मूंग खरीदने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।
देवास जिले में भारतीय किसान संघ के युवा किसान नेता शुभम पटेल ने रूरल वॉयस को बताया कि पहले दिनों किसानों को पंजीकरण कराने में दिक्कतें आईं। ऑनलाइन सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है। उधर, सरकारी खरीद की घोषणा होते ही निजी व्यापारी भी किसानों से मूंग खरीदने में जुट गये हैं। कई जगह मूंग का रेट 7,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंंच गया है।
आरोप हैं कि कई व्यापारी किसानों के नाम पर पंजीकरण करवा लेते हैं और सस्ते में मूंग खरीदकर एमएसपी पर बेचकर मुनाफा कमाते हैं। इसके अलावा, मूंग में मिट्टी आदि की मिलावट कर सरकारी खरीद एजेंसियों को नुकसान पहुंचाते हैं। पिछले साल भी ऐसी ही गड़बड़ियां सामने आई थीं, जिससे सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
मूंग खरीद की मुश्किल
मध्यप्रदेश ग्रीष्मकालीन मूंग का प्रमुख उत्पादक है। हाल के वर्षों में किसानों का रुझान मूंग की तरफ बढ़ा है। लेकिन इसकी सरकारी खरीद करवाना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। इस साल मूंग की कीमतें 6,000 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिरने के बाद प्रदेश के किसान सरकारी खरीद को लेकर आंंदोलन की राह पर थे। विपक्षी दल कांग्रेस के नेता भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटे थे। प्रदेश सरकार ने मूंग और उड़द खरीद का ऐलान कर फिलहाल किसानों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया है।
किसान ऐसे कराएं पंजीकरण
किसान एमपी किसान ऐप, जन सेवा केंद्र, या कृषि उपज मंडियों में जाकर पंजीकरण करा सकते हैं। केवल पंजीकृत किसानों से ही खरीद की जाएगी। पंजीकरण के लिए आधार नंबर, बैंक खाता संख्या, IFSC कोड और भूमि संबंधित रिकॉर्ड की स्वप्रमाणित छायाप्रति अनिवार्य रूप से देनी होगी। बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंक या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा में होना चाहिए।
21 लाख टन मूंग उत्पादन का अनुमान
मध्यप्रदेश के 36 जिलों में मूंग की बुवाई होती है, जिसका अनुमानित रकबा लगभग 14.35 लाख हेक्टेयर है और इससे 21 लाख टन मूंग उत्पादन की संभावना है। वहीं उड़द की खेती राज्य के 13 जिलों में की जाती है, जिसका कुल रकबा करीब 0.95 लाख हेक्टेयर और अनुमानित उत्पादन 1.24 लाख टन है।