सहकार टैक्सी को प्रमोट करेंगे 8 दिग्गज सहकारी संगठन, उबर-ओला को टक्कर देने की तैयारी

सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव को बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत कराया गया है। देश के 8 प्रमुख सहकारी संगठन इसके प्रमोटर हैं।

सहकार टैक्सी को प्रमोट करेंगे 8 दिग्गज सहकारी संगठन, उबर-ओला को टक्कर देने की तैयारी

देश में पहली बार ऐप-आधारित सहकारी टैक्सी सेवा शुरू होने जा रही है जो उबर और ओला को टक्कर दे सकती है। ‘सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव’ को 300 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत कराया गया है।

सहकारिता मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सहकार टैक्सी को केवल लाभ कमाने के उद्देश्य से नहीं चलाया जा रहा है। इसमें यात्रियों से उचित किराया लिया जाएगा और लाभ का बड़ा हिस्सा ड्राइवरों में बांटा जाएगा। साथ ही ड्राइवरों की सामाजिक सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। 

दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र से शुरुआत

सहकार टैक्सी का संचालन इस वर्ष दिसंबर से दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र में शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद यह सेवा चरणबद्ध तरीके से देशभर में शुरू की जाएगी।

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने टैक्सी संचालन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी संस्थाओं के विस्तार की बात कही थी। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए सहकार टैक्सी सेवा शुरू की जा रही है। ऑनलाइन ऐप आधारित इस प्लेटफार्म के जरिए दोपहिया, रिक्शा, टैक्सी और अन्य चार पहिया वाहनों का संचालन किया जाएगा।

आठ प्रमुख सहकारी संगठन बने प्रमोटर

सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव को देश के आठ प्रमुख सहकारी संगठन मिलकर आगे बढ़ाएंगे। इनमें नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC), अमूल (Anand Milk Union), नेफेड (NAFED), नाबार्ड (NABARD), इफको (IFFCO), कृभको (KRIBHCO), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB), और नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) शामिल हैं। प्रत्येक प्रमोटर ने प्रारंभिक चरण में ₹10 करोड़ की प्रतिबद्धता जताई है। दिग्गज सहकारी संगठनों का सपोर्ट मिलने से सहकार टैक्सी को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।    

सहकार टैक्सी के संचालन की निगरानी के लिए एक अंतरिम बोर्ड गठित किया गया है। NCDC के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर रोहित गुप्ता बोर्ड के अध्यक्ष हैं। अन्य प्रमुख सदस्य हैं वी. श्रीधर (NDDB), तरुण हांडा (NAFED), नवीन कुमार (NABARD), संतोष शुक्ला (IFFCO), और एल. पी. गॉडविन (KRIBHCO)। टैक्सी सेवा का मोबाइल एप विकसित करने हेतु तकनीकी भागीदारों से बातचीत शुरू हो चुकी है।

सहकार की भावना से संचालन  

उबर और ओला जैसे निजी प्लेटफार्म से इतर सहकार टैक्सी को सहकारिता की भावना से चलाया जाएगा। इसमें यात्रियों से उचित किराया लिया जाएगा और सर्ज चार्ज जैसी वसूली नहीं होगी। लाभ को ड्राइवरों के बीच बांटा जाएगा और उन्हें सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी।

कैसे जुड़ेंगे ड्राइवर

शुरुआती चरण में लगभग 400-500 ड्राइवरों को इस सेवा से जोड़ने की तैयारी है। छह महीने की सेवा के बाद प्रत्येक ड्राइवर 100 रुपये के पांच शेयर खरीदकर सहकारी समिति का सदस्य बन सकेगा।

यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पहल उबर-ओला जैसे स्थापित ब्रांड्स को किस प्रकार चुनौती देती है और यात्रियों व ड्राइवरों के हित में कैसे काम करती है। राष्ट्रीय स्तर पर तीन सहकारी संस्थाओं के गठन के बाद यह सहकारिता मंत्रालय की एक नई पहल है। 

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