उत्तराखंड सरकार अगले दस वर्षों के भीतर 22,750 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सुगंधित पौधों यानी एरोमैटिक प्लांट्स की खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में महक क्रांति नीति लाई जाएगी। इस योजना से करीब 91 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि महक क्रांति नीति प्रदेश के किसानों के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। इस महत्वाकांक्षी योजना का ड्राफ्ट शीघ्र ही मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इस कार्य में सगंध पौधा केंद्र, सेलाकुई सक्रिय भूमिका निभाएगा। यह नीति किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।
वर्तमान में उत्तराखंड में लगभग 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में एरोमैटिक प्लांट की खेती हो रही है, जिससे करीब 25 हजार किसान सीधे तौर पर जुड़े हैं। राज्य के कई जिलों की विशिष्ट जलवायु के कारण एरोमैटिक पौधों की खेती को आदर्श माना जाता है। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने चमोली के सुगंधित तेल और ऊधमसिंह नगर के पुदीना तेल को वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट योजना में शामिल किया है। इसी क्रम में अब राज्य सरकार भी एरोमैटिक खेती को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए वर्ष 2026 से 2047 तक महक क्रांति नीति लागू की जाएगी, जिसके अंतर्गत किसानों को एरोमैटिक खेती हेतु प्रोत्साहन और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
1050 करोड़ के कारोबार का लक्ष्य
महक क्रांति नीति के तहत प्रथम चरण में वर्ष 2026 से 2036 तक 22,750 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कार्य किया जाएगा। इससे 91 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही, एरोमैटिक प्लांट से संबंधित उद्योगों का टर्नओवर 1,050 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जो वर्तमान में महज 100 करोड़ रुपये है। वर्तमान में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपदों में स्थित सिडकुल में कई उद्योग एरोमैटिक प्लांट पर आधारित हैं, जिनमें देश के कई नामी ब्यूटी प्रॉडक्ट और वेलनेस ब्रांड शामिल हैं।
जनपदवार योजनाएं
महक क्रांति नीति के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में औषधीय एवं सुगंधित पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष वैली विकसित की जाएंगी। सुगंध पौध केंद्र, सेलाकुई के निदेशक डॉ. नृपेंद्र चौहान के अनुसार, संबंधित जनपद की जलवायु को ध्यान में रखते हुए ही खेती का चयन किया गया है। इसके लिए किसानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
चमोली और अल्मोड़ा में 2,000 हेक्टेयर में डैमस्क रोज़ वैली, चम्पावत और नैनीताल में 5,200 हेक्टेयर में सिनॉमन वैली, पिथौरागढ़ में 5,150 हेक्टेयर में तिमूर वैली, हरिद्वार एवं पौड़ी जनपद को मिलाकर 2,400 हेक्टेयर में लेमनग्रास वैली तथा ऊधमसिंह नगर एवं हरिद्वार में 8,000 हेक्टेयर में मिंट वैली विकसित की जाएगी।