बजट चर्चा में सांसदों से सीधे संवाद में किसानों ने खेती की समस्याओं और उनके हल की ओर दिलाया ध्यान
2023-24 के बजट पर किसानों से सीधा संवाद करने, बजट को लेकर किसानों की समझ बढ़ाने और सांसदों के माध्यम से किसानों की बात सरकार तक पहुंचाने के लिए बजट पर चर्चा का एकदिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस चर्चा में ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि के डिजिटलीकरण और प्राकृतिक खेती जैसे विषयों पर किसानों, विशेषज्ञों और सांसदों ने अपने-अपने विचार रखे।
7. किसानों ने बनाया अपना बजट
दिनभर चले इस कार्यक्रम में किसानों से बजट बनाने की एक्टिविटी भी करवाई गई जिसके जरिये यह जानने की कोशिश की गई कि वे आखिर बजट में सरकार से चाहते क्या हैं। उनसे कहा गया था कि रक्षा, संचार, सड़क परिवहन, रेलवे, गृह, कृषि, खाद्य जैसे प्रमुख विभागों के लिए वे अपने बजट में कितना आवंटन करेंगे। किसानों ने सबसे ज्यादा 21.9 फीसदी आवंटन कृषि एवं किसान कल्याण क्षेत्र के लिए किया, जबकि दूसरे नंबर पर शिक्षा का बजट रहा। इसके लिए 14.76 फीसदी आवंटन उन्होंने किया। तीसरे नंबर पर रक्षा क्षेत्र रहा जिसके लिए 14 फीसदी आवंटन किसान चाहते हैं यानी देश की सुरक्षा को वे सर्वोपरि मानते हैं। रसायन व उर्वरक क्षेत्र के लिए उन्होंने केवल 4.3 फीसदी बजट आवंटित किया।