वैश्विक गेहूं उत्पादन 79.5 करोड़ टन रहने की उम्मीद, भारत में रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान बरकार
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने अनुमान लगाया है कि 2025 में वैश्विक गेहूं उत्पादन 79.5 करोड़ टन रहेगा, जो पिछले वर्ष के उत्पादन के बराबर है। प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में मौसम संबंधी बदलावों के बाद उत्पादन के अनुमान में मामूली संशोधन किए गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने अनुमान लगाया है कि 2025 में वैश्विक गेहूं उत्पादन 79.5 करोड़ टन रहेगा, जो पिछले वर्ष के उत्पादन के बराबर है। प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में मौसम संबंधी बदलावों के बाद उत्पादन के अनुमान में मामूली संशोधन किए गए हैं।
यूरोप के दक्षिणी देशों में अनुकूल मौसम से गेहूं पैदावार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इंग्लैंड और उत्तरी यूरोपीय यूनियन के देशों सहित उत्तरी क्षेत्रों में सूखे की चिंता भी कुछ हद तक कम हुई है। हालांकि, रूस में उत्पादन का पूर्वानुमान पहले जैसा है, जहां प्रतिकूल मौसम और कम बुवाई क्षेत्र के कारण उत्पादन में गिरावट की संभावना है। यूक्रेन में अप्रैल की वर्षा के बावजूद गेहूं उत्पादन औसत से नीचे रहने की संभावना है। उत्तर अमेरिका में स्थिति मिश्रित है। कनाडा का गेहूं उत्पादन पिछले वर्ष के समान रहने का अनुमान है, जबकि अमेरिका में सूखे की वजह से हल्की गिरावट की आशंका है।
भारत में रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान बरकरार
एशिया में, भारत में गर्म और शुष्क मौसम के कारण उत्पादन अनुमान थोड़ा घटाया गया है, लेकिन सिंचाई के व्यापक उपयोग के चलते रिकॉर्ड फसल की उम्मीद बनी हुई है। पाकिस्तान का उत्पादन पूर्वानुमान थोड़ा बढ़ाया गया है, जो पांच वर्षीय औसत से अधिक रहने की संभावना है।
अन्य क्षेत्रों में, ईरान और तुर्की जैसे देशों में वर्षा की कमी के कारण उत्पादन औसत से कम रहने की संभावना है। उत्तरी अफ्रीका में मिश्रित स्थिति है- मोरक्को में कमजोर फसल के आसार हैं, जबकि मिस्र और ट्यूनिशिया में सिंचाई के चलते औसत या उससे अधिक उत्पादन की उम्मीद है। दक्षिणी गोलार्ध में अर्जेंटीना में उम्मीद से बेहतर वर्षा के कारण उत्पादन अनुमान बढ़ा है, जबकि ऑस्ट्रेलिया में वार्षिक गिरावट के बावजूद उत्पादन तीन करोड़ टन से अधिक रहने की संभावना है।
मक्का जैसे मोटे अनाज की फसलों की कटाई दक्षिणी गोलार्ध में शुरू हो चुकी है। ब्राजील में अनुकूल मौसम और बढ़े हुए बुवाई क्षेत्र से उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। दक्षिण अफ्रीका में 2024 की सूखा प्रभावित फसल के बाद 2025 में सुधार की संभावना है। इसके विपरीत अर्जेंटीना में रोगों के डर से बुवाई क्षेत्र घटने के कारण उत्पादन औसत से कम रहने का अनुमान है। अमेरिका में 5% अधिक बुवाई से उत्पादन अधिक रहने की संभावना है।
वैश्विक अनाज आउटलुक
FAO ने 2024 में वैश्विक अनाज उत्पादन का अनुमान घटाकर 284.8 करोड़ टन कर दिया है, जो पिछले महीने की तुलना में 11 लाख टन कम और 2023 से भी थोड़ा कम है। यह खास तौर से मक्का उत्पादन में गिरावट के कारण है। हालांकि, 2024/25 में चावल उत्पादन 54.36 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो अब तक का रिकॉर्ड होगा।
2024/25 में वैश्विक अनाज उपयोग 287 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले सत्र की तुलना में 2.82 करोड़ टन (1%) अधिक है। गेहूं उपयोग थोड़ा बढ़ा है, खासकर ईयू और अर्जेंटीना में। मोटे अनाज का उपयोग स्थिर है, जबकि अफ्रीकी देशों में मांग बढ़ने से चावल उपयोग 53.94 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है।
2024/25 के सीजन के अंत तक वैश्विक अनाज भंडार 86.82 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो 1.9% की वार्षिक गिरावट दर्शाता है। गेहूं और मोटे अनाज का भंडार ईयू, तुर्की और अमेरिका में कमी के कारण घटने की संभावना है। हालांकि चावल का भंडार बढ़कर 20.57 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। यह वृद्धि चीन, भारत, इंडोनेशिया, और फिलीपींस के भंडारण में वृद्धि के चलते है।
अनाज व्यापार में गिरावट, चावल व्यापार में वृद्धि
2024/25 में वैश्विक अनाज व्यापार गिरकर 47.86 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.8% कम है। गेहूं व्यापार में 7.4% की गिरावट आएगी, विशेष रूप से रूस से निर्यात में गिरावट और तुर्की की कम मांग के कारण। चीन से कम मांग और ब्राज़ील व रूस से कम आपूर्ति के कारण मोटे अनाज व्यापार में 8.2% की गिरावट की संभावना है। 2025 में चावल व्यापार 1.2% बढ़कर 6.04 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है, जो नया रिकॉर्ड होगा।