सीमा शुल्क घटने के पहले ही खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट, पाम ऑयल का आयात छह महीने के उच्चतम स्तर पर

पिछले करीब एक माह में खाद्य तेलों की कीमतों में 6–7% तक गिरावट आ चुकी है। सरकार द्वारा मई माह के अंत में क्रूड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में की गई 10 फीसदी की कटौती से कीमतें दबाव में रहेंगी और इनमें और कमी आने के आसार हैं। वहीं पाम ऑयल का आयात मई में 84% बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर 5.93 लाख टन पर पहुंच गया।

सीमा शुल्क घटने के पहले ही खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट,  पाम  ऑयल का आयात छह महीने के उच्चतम स्तर पर

केंद्र सरकार ने कच्चे खाद्य तेलों जैसे कि कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। इसके चलते क्रूड और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच आयात शुल्क का अंतर 8.75% से बढ़कर 19.25% हो गया है। सरकार ने यह कदम खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया है।

उद्योग सूत्रों के मुताबिक, सरकार द्वारा सीमा शुल्क में की गई कटौती का असर अगले 15 दिन के बाद ही दिखेगा। वहीं पिछले करीब एक माह में खाद्य तेलों की कीमतों में 6 से 7 फीसदी तक की कमी आई है। सरकार के हालिया फैसले के चलते घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में और अधिक गिरावट आ सकती है।

इससे उपभोक्ताओं को खाद्य तेलों की महंगाई से कुछ राहत मिलेगी, हालांकि किसानों को तिलहनों के बेहतर दाम मिलने की संभावनाओं को झटका लग सकता है। इस निर्णय का असर सरसों जैसे घरेलू तिलहन और खाद्य तेलों की कीमतों पर भी पड़ सकता है।

खाद्य तेल उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में खाद्य तेलों की कीमतें दबाव में रहेंगी। हालांकि, ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते तनाव और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिसका असर इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों से पाम आयल की आपूर्ति पर पड़ सकता है। क्रूड ऑयल की कीमतों में अधिक बढ़ोतरी की स्थिति में इंडोनेशिया पॉम ऑयल को पेट्रोलियम उत्पादों के विकल्प में रूप में अधिक इस्तेमाल करने का फैसला ले सकता है। 

इस बीच, केंद्र सरकार ने खाद्य तेल उद्योग से जुड़ी कंपनियों और संगठनों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कच्चे खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रमुख तेल उद्योग संघों को यह एडवाइजरी जारी की गई। 

पाम ऑयल का आयात बढ़ा

मई 2025 में भारत का पाम ऑयल आयात छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इसकी प्रमुख वजह सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल की तुलना में पाम ऑयल की कीमत में छूट है, जिससे रिफाइनर पाम ऑयल की खरीद बढ़ा रहे हैं।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अनुसार, मई में पाम ऑयल का आयात अप्रैल की तुलना में 84 प्रतिशत बढ़कर 5.93 लाख टन हो गया, जो नवंबर 2024 के बाद सबसे अधिक है। सोया ऑयल का आयात 10.4 प्रतिशत बढ़कर 3.99 लाख टन और सूरजमुखी तेल का आयात 1.9 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख टन हो गया।

पाम और सोया तेल के अधिक आयात के चलते मई में भारत का कुल वनस्पति तेल आयात एक महीने पहले की तुलना में 33 प्रतिशत बढ़कर 11.9 लाख टन हो गया, जो दिसंबर के बाद सबसे अधिक है।

भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम ऑयल, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल आयात करता है।

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