उत्तराखंड में पांच नए गोदाम बनाएगा भंडारण निगम, 1.30 लाख टन हुई भंडार क्षमता

उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में भंडारण की आवश्यकता को देखते हुए आधुनिक सुविधाओं से लैस 5 नये गोदामों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। जिनकी क्षमता 40 हजार टन है।

उत्तराखंड में पांच नए गोदाम बनाएगा भंडारण निगम, 1.30 लाख टन हुई भंडार क्षमता

उत्तराखंड राज्य भण्डार निगम खाद्यान्न, उर्वरक और बीज की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए प्रदेश में पांच नए भंडारण गोदाम बनाएगा। वर्तमान में उत्तराखंड के भंडार गृहों की क्षमता 1.30 लाख टन हो चुकी है। जिससे न सिर्फ भंडार निगम की आय में वृद्धि हो रही है, बल्कि इसका सीधा लाभ स्थानीय काश्तकारों और किसानों को भी मिल रहा है।

उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड राज्य भण्डार निगम ने पिछले कुछ वर्षों में अपने भंडार गृहों की क्षमताओं में विस्तार कर काश्तकारों और किसानों को लाभ पहुंचाया है। निगम ने भंडार गृहों की क्षमता 131550 टन कर दी है। जिसमें रुद्रपुर में 10486 टन, गदरपुर में 16081 टन, गूलरभोज में 3940 टन, किच्छा में 13111 टन, सितारगंज में 8970, हल्द्वानी (नवीन मण्डी) में 6895, कमलुवागांजा हल्द्वानी में 16470, अल्मोड़ा में 5000, हरिद्वार में 5222, विकासनगर में 11613 तथा नकरौंदा में 10172 टन क्षमता का भंडार गृह संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा निगम द्वारा किराये पर भी कई भंडारगृहों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें काशीपुर में 5000 टन क्षमता का गोदाम शामिल है। इसी प्रकार रामनगर में 2500 टन, सितारगंज में 7090 टन, तथा नानकमत्ता में 9000 टन क्षमता के भंडार गृह शामिल हैं।

पांच नए गोदामों के निर्माण की तैयारी

सहकारिता मंत्री ने बताया कि प्रदेश के अन्य स्थानों पर भंडारण की आवश्यकता को देखते हुए आधुनिक सुविधाओं से लैस 5 नये गोदामों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। जिनकी क्षमता 40 हजार टन है। जिसमें 10-10 हजार टन क्षमता का गोदाम ऋषिकेश और हरिद्वार में बनाया जाएगा। इसी प्रकार 5-5 हजार टन क्षमता के गोदाम कोटद्वार और टिहरी में बनाए जाएंगे। जबकि 10 हजार टन क्षमता का भंडार गृह कुमाऊं संभाग में रुद्रपुर व काशीपुर के आस-पास बनाया जाएगा। जिससे बड़े पैमाने पर खाद्यान्न एवं उर्वरकों का भंडारण किया जा सकेगा।

डॉ. रावत का कहना है कि राज्य भंडार निगम ने विगत कुछ वर्षों में भंडारण क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि कर आत्मनिर्भरता हासिल की है। पहले की तुलना में अब निगम की भंडारण क्षमता 131550 मैट्रिक टन तक पहुंच गई है। इसके अतिरिक्त 40 हजार मैट्रिक टन की क्षमता वाले पांच नये गोदामों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे निकट भविष्य में भंडारण क्षमता में और अधिक इजाफा होगा।

इसके अलावा निगम द्वारा पेस्ट कंट्रोल सेवा भी संचालित की जा रही है, जिसके तहत होटलों, रेलवे स्टेशनों, बैंकों, मिलों व सरकारी संस्थानों में पेस्ट कंट्रोल कार्य किया जाता है। जिससे निगम को शुल्क प्राप्त होता है जो निगम की शुद्ध आय का हिस्सा है। इसके साथ ही निगम द्वारा भंडारगृहों के साथ ही धर्मकांटों को भी स्थापित किया गया है। जिन पर सरकारी, सहकारी और निजी खाद्यान्न वाहनों की तुलाई से निगम को आय प्राप्त होती है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, निगम विगत कुछ वर्षों से लाभ की स्थिति में बना हुआ है और भविष्य में भंडारगृहों एवं अन्य सुविधाओं को बढ़ाकर और लाभ अर्जित करेगा।

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