डब्ल्यूटीओ सदस्यों ने पब्लिक स्टॉकहोल्डिंग मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग दोहराई, वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए बताया अनिवार्य

जैसे-जैसे वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर खतरा बढ़ता जा रहा है, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों ने खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य से सार्वजनिक भंडारण (Public Stockholding - PSH) पर स्थायी समाधान की मांग को फिर से दोहराया है। 30 अप्रैल को कृषि समिति की बैठक में राजनयिकों ने इस बात पर जोर दिया कि पब्लिक स्टॉकहोल्डिंग मुद्दा वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में एक अनिवार्य आवश्यकता है।

डब्ल्यूटीओ सदस्यों ने पब्लिक स्टॉकहोल्डिंग मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग दोहराई, वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए बताया अनिवार्य

जैसे-जैसे वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर खतरा बढ़ता जा रहा है, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों ने खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य से सार्वजनिक भंडारण (Public Stockholding - PSH) पर स्थायी समाधान की मांग को फिर से दोहराया है। 30 अप्रैल को कृषि समिति की बैठक में राजनयिकों ने इस बात पर जोर दिया कि पब्लिक स्टॉकहोल्डिंग मुद्दा वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में एक अनिवार्य आवश्यकता है।

कृषि वार्ताओं के नवनियुक्त अध्यक्ष अली सरफराज हुसैन ने WTO के 14वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन (MC14), जो मार्च 2026 में होने वाला है, से पहले राजनीतिक इच्छाशक्ति को व्यावहारिक समाधान में बदलने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने स्वीकार किया कि सदस्य देशों के बीच मतभेद बने हुए हैं। हुसैन ने सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे इस गंभीर विषय पर आम सहमति की ओर बढ़ें।

हुसैन ने कहा, “सार्थक प्रगति के लिए ईमानदार चर्चा का कोई विकल्प नहीं है। सार्वजनिक भंडारण को केवल व्यापार का विषय नहीं, बल्कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा नीति का मुख्य स्तंभ मानकर देखा जाना चाहिए।”

पब्लिक स्टॉकहोल्डिंग की व्यवस्था खासकर विकासशील देशों को खाद्यान्न खरीदने, भंडारण करने और गरीब वर्गों को वितरित करने की अनुमति देती है। इसके समर्थकों का मानना है कि यह प्रणाली घरेलू बाजार को स्थिर करने और खाद्य पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है, जबकि कुछ सदस्य देश इसके कारण व्यापार में विकृति की आशंका व्यक्त करते हैं। भारत इस व्यवस्था के पक्ष में है।

हालांकि बैठक में मतभेदों के बावजूद कई देशों ने रचनात्मक वार्ता की इच्छा जताई। कई प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को WTO की विश्वसनीयता की परीक्षा बताया, खासकर मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव और जलवायु परिवर्तन के चलते कृषि पर पड़ रहे प्रभावों के संदर्भ में।

पब्लिक स्टॉकहोल्डिंग के अलावा, स्पेशल सेफगार्ड मेकैनिज्म (Special Safeguard Mechanism - SSM) पर भी चर्चा हुई, जो विकासशील देशों को आयात में अचानक वृद्धि या कीमतों में गिरावट की स्थिति में अस्थायी रूप से टैरिफ बढ़ाने की अनुमति देगा। हालांकि सदस्य देशों के बीच अब भी इसके बाजार पहुंच से संबंध को लेकर मतभेद हैं, लेकिन अध्यक्ष ने गतिरोध तोड़ने के लिए रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित किया।

हुसैन ने MC14 की तैयारी के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत की जिसमें विभिन्न सदस्य समूहों से परामर्श, कृषि समिति की विशेष सत्रों में नियमित बैठकें और एक मूल्यांकन सत्र शामिल है। आगे 5-6 मई को होने वाली सस्टेनेबल कृषि पर बैठक भी इस दिशा में गति प्रदान कर सकती है।

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