वर्ष 2025-26 में वैश्विक अनाज उत्पादन नए रिकॉर्ड पर पहुंचने की उम्मीद, पर पिछले अनुमान से कम: आईजीसी
आईजीसी का अनुमान है कि 2025-26 में वैश्विक अनाज उत्पादन 2.376 अरब टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.6% अधिक है। गेहूं और मक्के का बेहतर उत्पादन होगा। साथ ही खाद्य, चारा और औद्योगिक उपयोग में वृद्धि भी होगी। सोयाबीन और चावल का उत्पादन भी बढ़ रहा है, लेकिन ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमतों में साल-दर-साल 32% की गिरावट आई है, जिससे समग्र अनाज मूल्य सूचकांक नीचे आ गया है।

अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद (आईजीसी) ने बताया है कि पिछले महीने के अनुमान की तुलना में मामूली गिरावट के बावजूद, 2025-26 के विपणन वर्ष के लिए वैश्विक अनाज उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। आईजीसी ने जौ और ज्वार के उत्पादन में कमी का अनुमान जताया है। इस वजह से गेहूं और मोटे अनाज के कुल उत्पादन के पूर्वानुमान में 10 लाख टन की कटौती की है।
इस कटौती के बावजूद गेहूं और मक्का की अच्छी पैदावार के कारण, कुल वैश्विक अनाज उत्पादन पिछले वर्ष के रिकॉर्ड से 2.6% बढ़कर 2.376 अरब टन होने का अनुमान है। गेहूं का उत्पादन 80.8 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इसमें साल-दर-साल 80 लाख टन की वृद्धि होगी। मक्का का उत्पादन 4.8 करोड़ टन बढ़कर 1.276 अरब टन होने की उम्मीद है।
आईजीसी को विभिन्न क्षेत्रों में गेहूं और मोटे अनाज के रिकॉर्ड उपयोग की भी उम्मीद है। खाद्य उपयोग में 1.3 करोड़ टन, चारे में 1.6 करोड़ टन और औद्योगिक उपयोग में 70 लाख टन की वृद्धि होगी। पिछले वर्ष की तुलना में कुल खपत में 2% की वृद्धि होगी।
तिलहन की बात करें तो 2025-26 में वैश्विक सोयाबीन उत्पादन में साल-दर-साल 1% की वृद्धि का अनुमान है। यह 42.8 करोड़ टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा। इसका मुख्य कारण दक्षिणी गोलार्ध में अधिक पैदावार है। आईजीसी ने कहा कि आपूर्ति पर्याप्त बनी रहेगी, लेकिन बढ़ते उपयोग के कारण कैरीओवर स्टॉक में कमी आ सकती है। दक्षिण अमेरिकी देशों द्वारा वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के साथ वैश्विक सोयाबीन आयात में 2% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
चावल उत्पादन में मामूली वृद्धि का अनुमान है, खासकर शीर्ष निर्यातक देशों में। अफ्रीका और एशिया में बढ़ती खाद्य मांग के कारण वैश्विक चावल की खपत में भी 1% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
मूल्य निर्धारण के मोर्चे पर देखें तो आईजीसी अनाज और तिलहन सूचकांक (जीओआई) पिछले महीने की तुलना में 1% बढ़ा है। मक्का और सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी ने गेहूं और चावल में मामूली गिरावट को संतुलित कर दिया। हालांकि जीओआई साल-दर-साल 3.4% नीचे बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण चावल की कीमतों में 32% की भारी गिरावट है। इसने मक्का की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की भरपाई कर दी।