एशियन डवलपमेंट बैंक ने भारत की विकास दर में कमी की

एशियन डवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में मामूली कमी कर इसके 6.3 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है। पहले के अनुमान में इसे 6.4 फीसदी पर रखा गया है। वृद्धि दर में कमी की वजह के रूप में निर्यात में गिरावट और मानसून के कमजोर रहने के चलते कृषि उत्पादन में कमी होने की आशंका बताई गई है

एशियन डवलपमेंट बैंक ने भारत की विकास दर में कमी की
एशियन डवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में मामूली कमी कर इसके 6.3 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है। पहले के अनुमान में इसे 6.4 फीसदी पर रखा गया है। वृद्धि दर में कमी की वजह के रूप में निर्यात में गिरावट और मानसून के कमजोर रहने के चलते कृषि उत्पादन में कमी होने की आशंका बताई गई है।
एडीबी की रिपोर्ट एशियन डेवलपमेंट बैंक आउटलुक सितंबर 2023 में कहा गया है कि घरेलू उपभोग में बढ़ोतरी और उपभोक्ताओं के मजबूद भरोसे चलते अगले साल भारत की विकास दर बेहतर रहेगी। निवेश में बढ़ोतरी और सरकार द्वारा पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी का अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा। 
एडीबी ने कहा है कि निर्यात में आ रही कमी  का अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर असर पड़ेगा। इसके साथ की बारिश के असंतुलित पैटर्न के चलते कृषि उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसे देखते हुए ही विकास दर में मामूली कमी कर इसके 6.3 फीसदी पर रहने का अनुमान जारी किया गया है। 
एडीबी ने चालू साल के लिए जीडीपी की वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था जबकि अगले साल की आर्थिक वृद्धि दर को 6.7 फीसदी के स्तर पर ही बरकरार रखा गया है। एडीबी के मुताबिक निजी निवेश में बढ़ोतरी और औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि अर्थव्यवस्था को गति देंगे। 
एडीबी के मुताबिक जियो पालिटिकल स्तर पर तनाव के चलते पैदा हुई अनिश्चितता का असर पड़ रहा है वहीं इसके चलते वैश्विक स्तर पर खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा मौसम संबंधी बदलावों के चलते खरीफ सीजन (जुलाई-अक्तूबर) और उसके बाद रबी सीजन में भी कृषि उत्पादन प्रभावित हो सकता है। 
सकारात्मक कारकों के रूप में अगले वित्त वर्ष (2024-25) में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र मेंं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बढ़ोतरी के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के चलते सप्लाई चेन के विविधिकरण का फायदा भारत को मिलेगा जिसमें भारत को उत्पादन केंद्र के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने की बात कही गई है। वहीं आर्गनाइजेशन फॉर इकोनामिक एंड डेवपमेंट (ओईसीडी) की ताजा रिपोर्ट में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 6.3 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है। ओईसीडी का इसके पहले का अनुमान 6 फीसदी वृद्धि दर का था। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की वृद्धि दर 6.3 फीसदी और एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस ने 6.6 फीसदी पर रहने का अनुमान जारी किया है।  
महंगाई को लेकर एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके 2022 के 6.7 फीसदी से घटकर 2023 में 5.5 फीसदी पर रहने की संभावना है। हालांकि खाद्य उत्पादों की महंगाई के चलते इसके दबाव में रहने की बात भी कही गई है। 

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