उत्तराखंड में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए मिलेगा केंद्र का भरपूर सहयोग: शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन और जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की। साथ ही राज्य में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से भरपूर सहयोग का भरोसा दिलाया।

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को देहरादून में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कृषि व ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान कई अहम घोषणाएं की गईं। शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन और जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की। साथ ही उत्तराखंड में किसान कल्याण और ग्रामीण विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से भरपूर सहयोग का भरोसा दिलाया।
इस मौके पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज ग्रामीण ब्रांड और प्रीमियम आपूर्ति शृंखला विकसित करने के लिए केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। कीवी, शहद जैसे उत्पादों के लिए राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। ड्रैगन फ्रूट की खेती और अरोमा मिशन को बढ़ावा देने के लिए भी केंद्र सरकार पर्याप्त आर्थिक सहायता करेगी। श्री अन्न पर शोध और उसकी खरीद में भी सहयोग दिया जाएगा। आलू के बेहतर बीज उत्पादन के लिए भी राशि दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि, ग्रामीण विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अच्छा कार्य हो रहा है। राज्य में कृषि का क्षेत्रफल घटा है, लेकिन उत्पादन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि क्षेत्र के लिए लंबी अवधि की कार्ययोजना पर कार्य किया जाए। राज्य में तात्कालिक रूप से जो कार्य होने हैं, उनके लिए भारत सरकार से जो अपेक्षा है, उसका प्रस्ताव भेजा जाए।
घेरबाड़ योजना के लिए 1053 करोड़ का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कृषि और बागवानी से संबंधित विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से सहयोग के लिए अनुरोध किया। राज्य में जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए घेरबाड़ हेतु लगभग 1053 करोड़ रुपये की मांग पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि इसके लिए चरणबद्ध तरीके से प्रस्ताव भेजे जाएं। कृषि यंत्रीकरण के लिए 1000 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए 400 करोड़ की मांग पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले चरण की धनराशि खर्च करने के बाद दूसरे चरण में धनराशि दी जाएगी।
उत्तराखंड में बीज उत्पादन संस्था को दलहन, तिलहन और सीड हब बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने सहयोग का आश्वासन दिया। राज्य में सेब की अति सघन बागवानी के लिए 1150 करोड़ की धनराशि मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी वार्षिक कार्ययोजना का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए।
झंगोरा के लिए एमएसपी की पैरवी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मंडुआ की तर्ज पर राज्य की मुख्य परंपरागत फसल झंगोरा के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया जाना चाहिए। इस पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक रुख जताते हुए विचार करने का भरोसा दिलाया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कीवी मिशन के तहत राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने शहद, मशरूम और एग्जोटिक वेजिटेबल के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने में भी पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। ड्रैगन फ्रूट मिशन और हिमालयन एकेडमी फॉर कैपेसिटी बिल्डिंग एंड रूरल एंटरप्राइजेज फॉर एग्री एंड एलाइड के लिए सहयोग मांगे जाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य की ओर से जो सहयोग मांगा गया है, उन सभी कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग के साथ मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
हाउस ऑफ हिमालयाज को मिलेगी वैश्विक पहचान
ग्राम्य विकास की योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि हाउस ऑफ हिमालयाज लिमिटेड को ग्रामीण से वैश्विक स्तर तक ले जाने के लिए मान्यता मिले। उन्होंने हिमालयन ग्रामीण बैंक की स्थापना और प्रीमियम सप्लाई चेन विकास के लिए भी अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ये सभी पहल बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन्हें राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए केंद्र की टीम राज्य के साथ विस्तृत योजना बनाएगी।
मनरेगा मजदूरी बढ़वाने का प्रयास
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिवराज सिंह चौहान से मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने का भी अनुरोध किया। इस पर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर विचार कर निर्णय लिए जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास निर्माण के लिए अनुदान राशि 1.30 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किए जाने का अनुरोध किया। क्योंकि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ढुलाई की लागत अधिक आती है। केंद्रीय मंत्री ने हिमालयी राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।
ग्रामीण सड़कों का विस्तार
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चौथे चरण के लिए 600 किमी लंबाई की 100 से अधिक परियोजनाओं को स्वीकृति के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने कहा इसकी स्वीकृति जल्द दी जाएगी। अभी कई बसाहटें ऐसी बचीं हैं जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से नहीं जुड़ीं हैं, इन सभी बसाहटों को PMGSY के चौथे चरण में सम्मिलित कर लिया जाएगा।
बैठक में उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव राधिका झा, चंद्रेश यादव, एस.एन. पांडेय, रणवीर सिंह चौहान, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रमेंद्र कौशल, भारत सरकार से अपर सचिव आर. आनंद, संयुक्त सचिव अमित शुक्ला उपस्थित थे।