कृषि में डिजिटलीकरण अगली बड़ी हरित क्रांति लाएगा: अमिताभ कांत

कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण और तकनीकी नवाचारों में हुई प्रगति की सराहना करते हुए भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने और अगली बड़ी हरित क्रांति लाने में कृषि डिजिटलीकरण की अहम भूमिका होगी। डाटा-संचालित अनुकूल प्रणाली जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकती है।

कृषि में डिजिटलीकरण अगली बड़ी हरित क्रांति लाएगा: अमिताभ कांत
जी20 इंडिया एग्री-टेक समिट को संबोधित करते अमिताभ कांत।

कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण और तकनीकी नवाचारों में हुई प्रगति की सराहना करते हुए भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने और अगली बड़ी हरित क्रांति लाने में कृषि डिजिटलीकरण की अहम भूमिका होगी। डाटा-संचालित अनुकूल प्रणाली जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकती है। नई दिल्ली में सोमवार को आयोजित जी20 इंडिया एग्री-टेक समिट को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।  

शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अमिताभा कांत ने कहा, “कृषि क्षेत्र को डाटा-संचालित, स्मार्ट और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाना इस क्षेत्र में परिवर्तन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें किसानों, खासकर छोटे और सीमांत किसानों के कल्याण को बढ़ाने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों से स्टार्टअप और जिम्मेदार निवेशकों को शामिल करते हुए खुली पहुंच वाले कृषि डाटा प्लेटफार्मों और उन्हें वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं के रूप में मान्यता देने जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना शामिल होगा। जी20 के सदस्य देश प्रमुख कृषि उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक होने के नाते एक टिकाऊ और लचीली कृषि खाद्य प्रणाली में परिवर्तन की दिशा में सामूहिक जिम्मेदारी लेने के लिए एक साथ आए हैं।”

उन्होंने कहा कि मूल रूप से हमारी महत्वाकांक्षा कृषि, कृषि-खाद्य क्षेत्र को बहुत ही आकर्षक और आकर्षक आधुनिक व्यावसायिक उद्यम में बदलने की होनी चाहिए। किसानों को इस डिजिटल क्रांति के केंद्र में रखकर समावेशी डिजिटल बुनियादी ढांचे तक किफायती पहुंच की सुविधा प्रदान कर और कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने वाले डिजिटल उपकरणों की खोज कर ऐसा करने की आवश्यकता है।

भारत की अध्यक्षता में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में कृषि क्षेत्र में नवाचार, सहयोग और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया गया। खेती के भविष्य के लिए परिवर्तनकारी समाधान तलाशने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों और हितधारकों ने इसमें हिस्सा लिया।

कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग, स्थिरता पर जोर देने,  नीतियों, तकनीकी प्रगति और किसान-केंद्रित दृष्टिकोणों को शामिल करने के महत्व पर सम्मेलन में जोर दिया गया। सम्मेलन में शामिल हुए विशेषज्ञों ने नीति निर्धारण, टिकाऊ कृषि पद्धतियों, एआई-संचालित कृषि व्यवसाय और किसानों के कल्याण जैसे कई विषयों पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान आयोजित चार पैनल चर्चाओं में कृषि-तकनीक में स्टार्टअप, एआई फर्मों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं सहित अन्य प्रतिभागी शामिल थे।

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