कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 13% बढ़ा, नौ महीनों में लक्ष्य का 84% हासिल

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में 19.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 की इसी अवधि में इन वस्तुओं का निर्यात 17.5 अरब डॉलर रहा था।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 13% बढ़ा, नौ महीनों में लक्ष्य का 84% हासिल

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में इसमें 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है और यह 19.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 की इसी अवधि में इन वस्तुओं का निर्यात 17.5 अरब डॉलर रहा था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्‍यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएस) द्वारा जारी प्राथमिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

डीजीसीआईएस के मुताबिक कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के कुल निर्यात का 84 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है। एपीडा ने 2022-23 के लिए 23.6 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है। प्राथमिक आंकड़ों में बताया गया है कि इन नौ महीनों के दौरान प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों का निर्यात भी 30.36 फीसदी बढ़कर 1.47 अरब डॉलर हो गया है। 2021-22 की इसी अवधि में यह निर्यात 1.13 अरब डॉलर रहा था। इसी तरह ताजा फलों और सब्जियों के निर्यात में 4 फीसदी तेजी आई है। यह 2021-22 के पहले नौ महीनों के 1.08 अरब डॉलर की तुलना में बढ़कर 1.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि  प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों जैसे अनाज तैयार करना और विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं ने पिछले वर्ष के पहले नौ महीनों की तुलना में 24.35 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।

इस दौरान दालों के निर्यात में 80.38 फीसदी की जबरदस्त तेजी आई है। यह 2021-22 के पहले नौ महीनों के 24.2 करोड़ डॉलर के मुकाबले 43.6 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। बासमती चावल का निर्यात 40.26 फीसदी उछल कर 3.34 अरब डॉलर हो गया है। अप्रैल-दिसंबर 2021 में 2.38 अरब डॉलर का बासमती चावल निर्यात किया गया था। जबकि गैर बासमती चावल का निर्यात इस दौरान 4 फीसदी की तेजी के साथ 4.66 अरब डॉलर का रहा। इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि में 4.51 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था। पॉल्ट्री उत्पादों के निर्यात में इस दौरान 91.7 फीसदी और अन्य अनाजों के निर्यात में 13.64 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। अप्रैल-दिसंबर 2022 में पॉल्ट्री उत्पादों का निर्यात अप्रैल-दिसंबर 2021 के 5 करोड़ डॉलर के मुकाबले 9.5 करोड़ डॉलर का रहा है। अन्य अनाजों का निर्यात 76.4 करोड़ डॉलर की तुलना में 86.9 करोड़ डॉलर रहा है। इसी तरह, डेयरी उत्पादों का निर्यात 39.5 करोड़ डॉलर से 19.45 फीसदी बढ़कर 47.1 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। गेहूं के निर्यात में 4 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। यह 1.45 अरब डॉलर से उछल कर 1.51 अरब डॉलर रहा है।  

एपीडा के चेयरमैन एम अंगमुथु ने इस उपलब्धि पर कहा, "हम किसानों, निर्यातकों, प्रोसेसर्स और भारतीय मिशन जैसे सभी हितधारकों से जुड़े हुए हैं ताकि देश से गुणवत्तापूर्ण और ऊंची कीमत वाले कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात किया जाता रहे। कृषि निर्यात वैल्यू चेन के प्रमुख हितधारकों के सहयोग के साथ-साथ निर्यात का एक आवश्यक इको-सिस्टम बनाकर हम चालू वित्त वर्ष में भी भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात में वृद्धि को बनाए रखने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।”

डीजीसीआईएस के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि उत्पादों के निर्यात में 19.92 फीसदी की तेजी आई थी और यह 50 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 17.66 फीसदी का उछाल आया था और यह 41.87 अरब डॉलर रहा था। कंटेनरों की कमी, माल ढुलाई की चुनौतियों और ज्यादा माल भाड़े के बावजूद भारत अपने लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब रहा था। निर्यात बढ़ाने के लिए एपीडा की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों की वजह से ही यह संभव हो पा रहा है।

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