कांग्रेस के वादे की काट में मोदी सरकार ने गेहूं का एमएसपी 150 रुपये क्विंटल बढ़ाया, नौ साल में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (सीसीईए) की हुई बैठक में रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी गई। मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2275 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया गया है। 2023-24 के लिए गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये प्रति क्विंटल है। इसके साथ ही 5 अन्य रबी फसलों का भी एमएसपी बढ़ाया  गया है।

कांग्रेस के वादे की काट में मोदी सरकार ने गेहूं का एमएसपी 150 रुपये क्विंटल बढ़ाया, नौ साल में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी
(फाइल फोटो)

कांग्रेस पार्टी द्वारा मध्य प्रदेश के अपने चुनावी घोषणा-पत्र में 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीदने के वादे के एक दिन बाद ही नरेंद्र मोदी सरकार ने मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी। उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस राजस्थान के घोषणा-पत्र में भी गेहूं खरीद के लिए इस कीमत का वादा कर सकती है। शायद यही वजह है कि मोदी सरकार ने पिछले नौ साल में गेहूं के एमएसपी में इस बार इतनी बड़ी बढ़ोतरी की है।

मध्य प्रदेश और राजस्थान प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में से एक हैं और इन दोनों राज्यों सहित पांच राज्यों में नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। इसके बाद अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव होने हैं। इस साल मौसम के अचानक करवट लेने से जिस तरह से फसलों को नुकसान हुआ है और किसानों को उनकी उपज की वाजिब कीमत नहीं मिलने से उनमें जो नाराजगी है, शायद उसे दूर करने की कवायद के तहत ही छह रबी फसलों के एमएसपी में अच्छी खासी बढ़ोतरी की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (सीसीईए) की हुई बैठक में रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण अनुराग ठाकुर ने मीडिया को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2275 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया गया है। 2023-24 के लिए गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये प्रति क्विंटल है। इसके साथ ही 5 अन्य रबी फसलों का भी एमएसपी बढ़ाया  गया है।

इससे पहले मोदी सरकार ने 2023-24 के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपये बढ़ाकर 2125 रुपये और 2022-23 के लिए 40 रुपये बढ़ाकर 2015 रुपये किया था। मार्केटिंग ईयर 2021-22 के लिए एमएसपी में 50 रुपये की, 2020-21 के लिए 85 रुपये, 2019-20 के लिए 105 रुपये की, 2018-19 के लिए 110 रुपये की, 2017-18 के लिए 100 रुपये की, 2016-17 के लिए 75 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई थी। इसी तरह, 2015-16 के लिए 50 रुपये और 2014-15 के लिए सरकार की ओर से गेहूं के एमएसपी में 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई थी।  

रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों एवं रैपसीड के एमएसपी में 200 रुपये की वृद्धि की गई है। इसे 5450 रुपये से बढ़ाकर 5650 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया गया है। वहीं, मसूर के एमएसपी को 425 रुपये बढ़ाकर 6425 रुपये प्रति क्विंटल और चना का 105 रुपये बढ़ाकर 5440 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। जौ के एमएसपी में 115 रुपये और कुसुम में 150 रुपये की वृद्धि की गई है। अगले मार्केटिंग सीजन के लिए जौ का समर्थन मूल्य 1850 रुपये और कुसुम का 5800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

सरकारी एजेंसियां एमएसपी से कम कीमत पर किसानों से फसलों की खरीद नहीं करती हैं। हालांक, सच्चाई यह भी है कि धान, गेहूं, सरसों, चना, मसूर जैसी प्रमुख फसलों की ही सरकारी खरीद होती है, जबकि 27 फसलों का एमएसपी सरकार तय करती है।   

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