नेफेड ने बफर स्टॉक से शुरू की प्याज की आपूर्ति, दाम काबू में रखने की कवायद

खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए नेफेड ने बफर स्टॉक से आपूर्ति शुरू कर दी है। पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने 3 लाख टन प्याज के बफर स्टॉक से खुले बाजार में स्टॉक जारी करने का फैसला किया था। उसी फैसले के तहत नेफेड ने यह कदम उठाया है।

नेफेड ने बफर स्टॉक से शुरू की प्याज की आपूर्ति, दाम काबू में रखने की कवायद
नेफेड के पास 1.5 लाख टन प्याज का है बफर स्टॉक।

खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए नेफेड ने बफर स्टॉक से आपूर्ति शुरू कर दी है। पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने 3 लाख टन प्याज के बफर स्टॉक से खुले बाजार में स्टॉक जारी करने का फैसला किया था। उसी फैसले के तहत नेफेड ने यह कदम उठाया है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग ने उन राज्यों या क्षेत्रों के प्रमुख बाजारों को लक्षित कर प्याज के स्टॉक को जारी करने का निर्णय लिया है जहां खुदरा कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर चल रही हैं और जहां पिछले महीने एवं पिछले वर्ष की तुलना में दाम में वृद्धि की दर सीमा स्तर से ज्यादा है।

नेफेड के सूत्रों ने रूरल वॉयस को बताया कि फिलहाल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर पूर्वी राज्यों को बफर स्टॉक से प्याज की खेप भेजने की शुरुआत हो गई है। जल्दी ही बाकी क्षेत्रों में भी प्याज भेजा जाने लगेगा। 3 लाख टन के बफर स्टॉक में से नेफेड के पास 1.5 लाख टन प्याज का स्टॉक है, जबकि 1.5 लाख टन एनसीसीएफ के पास है। एनसीसीएफ ने भी अपने स्टॉक से बाजार में आपूर्ति शुरू कर दी है। हालांकि, नेफेड की ओर से यह जानकारी नहीं दी गई है कि बफर स्टॉक में से कुल कितना प्याज खुले बाजार में जारी किया जाएगा और प्याज की कितना मात्रा अभी भेजी गई है।      

स्टॉक में कमी के चलते खुदरा बाजार में प्याज के दाम बढ़ने लगे हैं। दिल्ली-एनसीआर सहित कई राज्यों में प्याज 40 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है जो पिछले हफ्ते तक 25-30 रुपये प्रति किलो बिक रहा था। इस साल सितंबर की बजाय अगस्त में ही रबी की प्याज का स्टॉक घटने लगा है। इसकी वजह यह है कि इस साल मार्च में प्याज उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसम बारिश की वजह से गुणवत्ता प्रभावित हुई। इससे रबी के प्याज की जीवन अवधि 6 महीने से घटकर 4-5 महीने रह गई। इसके अलावा, फरवरी में ज्यादा तापमान के कारण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में रबी की प्याज जल्दी पक गई जिसकी वजह से इसकी कटाई जल्दी हो गई।

रबी की प्याज का स्टॉक आमतौर पर सितंबर की मांग को पूरा करने के लिए रखा जाता है। मगर गुणवत्ता प्रभावित होने और फसल की कटाई पहले हो जाने की वजह से प्याज की कम उपलब्धता का समय 15-20 दिन बढ़ गया है जिससे आपूर्ति में कमी और कीमतें बढ़ने की शुरुआत हो गई है। इसे देखते हुए ही सरकार ने बफर स्टॉक से आपूर्ति सामान्य रखने का फैसला किया है।

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