कृषि फिर बना जीडीपी का सहारा, मार्च तिमाही में इसमें 5.5 फीसदी ग्रोथ

कृषि क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2022-23 में अच्छा प्रदर्शन किया है। बुधवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र ने पूरे साल में 4% ग्रोथ दर्ज की है। वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें 3.5% वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष की चौथी तिमाही, जनवरी-मार्च 2023 में भी कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन शानदार रहा है। इस तिमाही इसकी ग्रोथ 5.5% रही। यह हाल की तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। पहली तिमाही में कृषि विकास दर 4.1%, दूसरी तिमाही में 2.4% और तीसरी तिमाही में 2.5% थी। कृषि के साथ मैन्युफैक्चरिंग का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। इससे चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1% और पूरे साल में 7.2% दर्ज हुई है

कृषि फिर बना जीडीपी का सहारा, मार्च तिमाही में इसमें 5.5 फीसदी ग्रोथ

कृषि क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2022-23 में अच्छा प्रदर्शन किया है। बुधवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र ने पूरे साल में 4% ग्रोथ दर्ज की है। वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें 3.5% वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष की चौथी तिमाही, जनवरी-मार्च 2023 में भी कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन शानदार रहा है। इस तिमाही इसकी ग्रोथ 5.5% रही। यह हाल की तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। पहली तिमाही में कृषि विकास दर 4.1%, दूसरी तिमाही में 2.4% और तीसरी तिमाही में 2.5% थी। कृषि के साथ मैन्युफैक्चरिंग का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। इससे चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1% और पूरे साल में 7.2% दर्ज हुई है। 
मार्च तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग में 4.5% ग्रोथ रही है। इंडस्ट्री के लिहाज से देखा जाए तो सबसे अधिक 10.4% ग्रोथ कंस्ट्रक्शन में रही है। उसके बाद 9.1% ग्रोथ ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन सेक्टर में दर्ज हुई। चौथी तिमाही में ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में 6.5% वृद्धि हुई है।
2011-12 के स्थिर मूल्यों पर जीडीपी का आकार 160.06 लाख करोड़ रुपये और मौजूदा मूल्यों पर 272.41 लाख करोड़ रुपये है। स्थिर मूल्यों पर प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,15,746 रुपये आंकी गई है। इसमें 6.1% वृद्धि हुई है। मौजूदा मूल्यों पर प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,96,983 रुपये है और इसमें 14.9% बढ़ोतरी हुई है।
हालांकि खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई 2022-23 में 7.3% दर्ज हुई जो वित्त वर्ष 2021-22 में 4.1% थी। हालांकि चौथी तिमाही में यह सिर्फ 4% रही। 2021-22 की चौथी तिमाही में यह 9% थी। सभी कमोडिटी की थोक महंगाई बीते वर्ष 9.4% रही है।
इकोनॉमी में सबसे अधिक हिस्सा निजी खपत का 58.5% है। यह 2020-21 में 57.2% और 2022-23 में 58.3% था। इकोनॉमी में पूंजी निर्माण ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन से पता चलता है। जीडीपी में इसका हिस्सा 34% हो गया है। यह 2020-21 में 31.1% और 2021-22 में 32.7% था। 
पूरे साल में चावल उत्पादन 4.1% और कोयला उत्पादन 14.8% बढ़ा है। कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 34.3% और निजी वाहनों में 18.7% की वृद्धि हुई है। इससे इकोनॉमी में गति का पता चलता है। निर्यात 22.9% बढ़ा, लेकिन इसके साथ आयात भी 27.1% बढ़ा है। एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या भी 73.7% बढ़ी है।

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