गेहूं खरीद मानकों में मध्य प्रदेश के बाद अब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान को केंद्र ने दी छूट  

खरीद मानकों में दी गई छूट के मुताबिक, रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए 18 फीसदी तक सिकुड़े (झुर्रीदार) हुए और टूटे हुए गेहूं की भी सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी। इसके लिए कीमतों में कोई कटौती नहीं की जाएगी। अभी यह सीमा 6 फीसदी है। इसके अलावा 10 फीसदी तक बिना चमक वाले गेहूं की भी खरीद एमएसपी पर ही की जाएगी।

गेहूं खरीद मानकों में मध्य प्रदेश के बाद अब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान को केंद्र ने दी छूट   
प्रतीकात्मक फोटो

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं को हुए नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के बाद अब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को गेहूं की सरकारी खरीद मानकों में छूट देने की घोषणा की है। इन राज्यों की सरकारों ने खरीद मानकों में छूट देने की केंद्र से मांग की थी। केंद्र के इस फैसले से उन लाखों किसानों को राहत मिलेगी जिनकी फसल की गुणवत्ता बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हुई है। उत्तर प्रदेश ने भी केंद्र से खरीद मानकों में छूट देने की मांग की है जिस पर अभी विचार हो रहा है।

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गेहूं की खड़ी फसल को हुए नुकसान का सर्वे करने के बाद केंद्र सरकार ने किसानों की मुश्किल कम करने और गेहूं की बिक्री पर छाए संकट को दूर करने के लिए यह कदम उठाया है। खरीद मानकों में दी गई छूट के मुताबिक, रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए 18 फीसदी तक सिकुड़े (झुर्रीदार) हुए और टूटे हुए गेहूं की भी सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी। इसके लिए कीमतों में कोई कटौती नहीं की जाएगी। अभी यह सीमा 6 फीसदी है। इसके अलावा 10 फीसदी तक बिना चमक वाले गेहूं की भी खरीद एमएसपी पर ही की जाएगी। जबकि 10 फीसदी से 80 फीसदी तक चमकविहीन गेहूं की कीमत में एक समान 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी। साथ ही क्षतिग्रस्त और कम क्षतिग्रस्त गेहूं की कुल मात्रा 6 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए।

केंद्र के आदेश में कहा गया है कि भंडारण के दौरान मानकों में छूट के तहत खरीदे गए गेहूं के स्टॉक की गुणवत्ता में किसी भी गिरावट की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। भंडारण के बाद गेहूं की बिक्री के दौरान इस गेहूं की बिक्री भी प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। छूट के कारण कोई भी वित्तीय या परिचालन संबंधी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी।

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वर्तमान में मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद तेजी से चल रही है, जबकि अन्य राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण खरीद प्रक्रिया में देरी हुई है। केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) राज्य सरकारों की एजेंसियों के साथ मिलकर केंद्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद करती है। केंद्र सरकार ने चालू रबी सीजन के लिए गेहूं का एमएसपी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। एफसीआई ने चालू सीजन में 3.42 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है।

खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की इसी तरह की मांग पर विचार किया जा रहा है। अभी उस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सर्वे रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश की मांग पर निर्णय लिया जाएगा।

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