चीनी उत्पादन 10 लाख टन घटा, महाराष्ट्र में 31 मार्च तक 14.6 लाख टन रही गिरावट

महाराष्ट्र में 31 मार्च, 2023 तक उत्पादन घटकर 104.2 लाख टन रह गया है जो पिछले साल की समान अवधि में 118.8 लाख टन था। उत्तर प्रदेश में पिछले साल की इसी अवधि तक 87.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जो इस साल बढ़कर 89 लाख टन पर पहुंच गया है। चीनी उत्पादन के मामले में तीसरे सबसे बड़े राज्य कर्नाटक में भी समीक्षाधीन अवधि में उत्पादन में गिरावट आई है। यहां पिछले साल के 57.2 लाख टन के मुकाबले इस अवधि तक उत्पादन घटकर 55.2 लाख टन रह गया है।

चीनी उत्पादन 10 लाख टन घटा, महाराष्ट्र में 31 मार्च तक 14.6 लाख टन रही गिरावट

देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में बुवाई का रकबा घटने की वजह से चीनी का कुल उत्पादन 10 लाख टन घट गया है। चीनी विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) 2022-23 में 31 मार्च तक कुल चीनी उत्पादन घटकर 299.9 लाख टन रह गया है। विपणन वर्ष 2021-22 की समान अवधि में 309.9 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

इस्मा के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। जबकि दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 31 मार्च, 2023 तक उत्पादन में 1.5 लाख टन की वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र में इस अवधि तक उत्पादन घटकर 104.2 लाख टन रह गया है जो पिछले साल की समान अवधि में 118.8 लाख टन था। उत्तर प्रदेश में पिछले साल की इसी अवधि तक 87.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जो इस साल बढ़कर 89 लाख टन पर पहुंच गया है।

चीनी उत्पादन के मामले में तीसरे सबसे बड़े राज्य कर्नाटक में भी समीक्षाधीन अवधि में उत्पादन में गिरावट आई है। यहां पिछले साल के 57.2 लाख टन के मुकाबले इस अवधि तक उत्पादन घटकर 55.2 लाख टन रह गया है। जबकि देश के बाकी राज्यों का कुल उत्पादन 46.4 लाख टन से बढ़कर 51.2 लाख टन हो गया है। इसी साल जनवरी में इस्मा ने 2022-23 के चीनी उत्पादन अनुमान को 365 लाख टन से घटाकर 340 लाख टन कर दिया था। विपणन वर्ष 2021-22 में उत्पादन 358 लाख टन रहा था।

इस्मा की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि 31 मार्च, 2023 तक देशभर में 194 चीनी मिलें पेराई कर रही थीं, जबकि 338 मिलों में पेराई बंद हो चुकी थी। पिछले साल की इसी अवधि तक 366 मिलें चल रही थीं। महाराष्ट्र में पिछले साल इस समय तक 167 मिलें पेराई कर रही थीं जो इस साल 18 रह गई हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले साल के 88 मिलों के मुकाबले इस साल समीक्षाधीन अवधि तक 97 मिलें चल रही थीं।

Subscribe here to get interesting stuff and updates!