सेब पर 100% ड्यूटी लगाने और सेब उत्पादों से जीएसटी हटाने की उत्पादकों ने की मांग

एप्पल फार्मर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफएफआई) के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में सेब किसानों ने मांग की कि जम्मू-कश्मीर में वास्तविक भाड़ा शुल्क निर्धारित किया जाए और सेब के लाभदायक मूल्य की घोषणा की जाए। साथ ही सेब पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाए। इसके अलावा सेब की केवल परीक्षित किस्मों के आयात को ही मंजूरी दी जाए और पैकेजिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य किया जाए। फेडरेशन ने यह भी मांग की कि सेब किसानों को सस्ते दाम पर खाद और कार्टन उपलब्ध कराए जाएं एवं सेब से जुड़े सभी उत्पादों पर से जीएसटी हटाया जाए।

सेब पर 100% ड्यूटी लगाने और सेब उत्पादों से जीएसटी हटाने की उत्पादकों ने की मांग
नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते सेब उत्पादक।

घरेलू किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए सेब उत्पादकों के संगठन ने सेब पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाने, सेब से जुड़े सभी उत्पादों से जीएसटी हटाने सहित अन्य कई मांगें सरकार के सामने रखी है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सेब किसानों ने सरकार की बागवानी विरोधी नीतियों के खिलाफ मंगलवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और ये मांगे रखी। इन नीतियों ने बड़े कॉरपोरेट घरानों को भारी मुनाफा कमाने में सक्षम बनाया है, जबकि उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

एप्पल फार्मर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफएफआई) के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में सेब किसानों ने मांग की कि जम्मू-कश्मीर में वास्तविक भाड़ा शुल्क निर्धारित किया जाए और सेब के लाभदायक मूल्य की घोषणा की जाए। साथ ही सेब पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाए। इसके अलावा सेब की केवल परीक्षित किस्मों के आयात को ही मंजूरी दी जाए और पैकेजिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य किया जाए। फेडरेशन ने यह भी मांग की कि सेब किसानों को सस्ते दाम पर खाद और कार्टन उपलब्ध कराए जाएं एवं सेब से जुड़े सभी उत्पादों पर से जीएसटी हटाया जाए। किसानों की मांग है कि निजी शीत भंडारण गृह को सरकार द्वारा रेगुलेट किया जाए ताकि वे मनमनी न सकें।

एएफएफआई ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी और बागवानी विरोधी नीतियों के खिलाफ 'सेब अर्थव्यवस्था बचाओ, सेब किसान बचाओ' के नारे के साथ एक संगठित आंदोलन खड़ा करने का संकल्प लिया है। इससे पहले एएफएफआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने 28 जुलाई, 2022 को उपरोक्त मांगों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा था। मगर कृषि मंत्री इन मांगों पर कार्रवाई करने में विफल रहे। इस वजह से 2022 के मार्केटिंग सीजन के दौरान बाजार की स्थितियों और जलवायु परिवर्तन के कारण सेब उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ा।

इस एक दिवसीय प्रदर्शन में सैकड़ों सेब उत्पादक शामिल हुए। पूर्व विधायक राकेश सिंघा, शिमला शहर के पूर्व मेयर संजय चौहान, अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. अशोक धावले, महासचिव विजू कृष्णन, उपाध्यक्ष हन्नान मोल्लाह ने इस दौरान किसानों को संबोधित किया।

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