पश्चिम महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर, असर डालेंगे किसानों के मुद्दे

पश्चिम महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर, असर डालेंगे किसानों के मुद्दे

कोआपरेटिव सेक्टर के गढ़ और गन्ना बेल्ट व हार्टिकल्चर में मजबूत माने जाने वाले पश्चिमी महाराष्ट्र में कांटे का मुकाबला हो रहा है। पुणे, सतारा, अहमदनगर, नासिक, कोल्हापुर, सांगली और सोलापुर की अधिकांश लोक सभा सीटों पर कांग्रेस, एनसीपी-शरतचंद्र और शिव सेना-यूबीटी गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है। इन सीटों पर किसानों के मुद्दे काफी प्रभाव रखते हैं।  

एनसीपी के बंटवारे के बाद शरद पवार अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। पश्चिम महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि मराठवाड़ा में भी विपक्षी गठबंधन को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठन (एनडीए) से अलग हुए एक राजनेता और पश्चिमी महाराष्ट्र के कोआपरेटिव क्षेत्र के लोगों के साथ बातचीत के बाद यह तस्वीर उभरती दिखाई दी है। राज्य में 20 मई को पांचवें चरण में 13 सीटों पर मतदान होना है।

पश्चिमी महाराष्ट्र की हथकंगले सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व सांसद और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने रूरल वॉयस को बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र में भाजपा के खिलाफ हवा जैसा माहौल है। इनके खिलाफ शिवसेना यूबीटी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना के उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां वोट पड़ चुका है लेकिन राजू शेट्टी आश्वस्त हैं कि वह चुनाव जीत रहे हैं। राजू शेट्टी 2009 और 2014 में इस सीट से सांसद रहे हैं और गन्ना किसानों के साथ किसानों के दूसरे मुद्दों को उठाने वाले देश के सबसे मुखर किसान नेताओं में शुमार होते हैं।

महाराष्ट्र के शुगर कोआपरेटिव सेक्टर में लंबे समय से दखल रखने वाले एक सूत्र का कहना है कि पुणे जिले की चारों सीटों पर एनडीए गठबंधन की स्थिति बहुत कमजोर है। इसी तरह सतारा में छत्रपति शिवाजी के वंशज उदय राजे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उनकी स्थिति बेहतर नहीं है। इसी तरह कोल्हापुर में कांग्रेस के उम्मीदवार शाहूजी महाराज मजबूत स्थिति में हैं। सांगली में निर्दलीय लड़ रहे विशाल पाटिल की स्थिति मजबूत है। मूलतः वह कांग्रेस से ही हैं।

बारामती में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को जीतने में कोई मुश्किल नहीं दिख रही है हालांकि यहां एनडीए गठबंधन की ओर से अजित पवार की पत्नी ने चुनाव लड़ा है। खास बात यह है कि यहां वोटिंग घटी है। बारामती को समझने वाले एक सूत्र का कहना है कि अजित पवार को समर्थन देने वाले मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा शरद पवार के खिलाफ वोट डालने से झिझका क्योंकि वह पवार के खिलाफ नहीं जाना चाहते हैं। शरद पवार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत टिप्पणी और पवार के आखिरी चुनाव को लेकर मतदाताओं की सहानुभूति का का फायदा उन्हें मिला है। 

वहीं जिस तरह से उद्धव ठाकरे आक्रामक हैं और भाजपा पर हमले कर रहे हैं वह एनडीए गठबंधन के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है और मुंबई की सीटों पर उसका दिख सकता है। हालांकि मुंबई दक्षिण से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की स्थिति बेहतर बताई जा रही है। मौजूदा परिस्थितियों के बीच 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर में इंडिया गठबंधन के बेहतर नतीजे हासिल करने के संकेत मिल रहे हैं।

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