हनुमानगढ़ महापंचायत: किसान एथेनॉल फैक्ट्री हटने तक आंदोलन जारी रखने पर अड़े
महापंचायत में हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा से भी किसान पहुंचे। किसानों ने सर्वसम्मति से सरकार को निर्णय के लिए बीस दिन का समय दिया है।
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के राठीखेड़ा गांव में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के तेवर बरकरार हैं। आज हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय की धान मंडी में आयोजित महा पंचायत में किसानों ने फैक्ट्री के विरोध में हुंकार भरी। हालांकि सभा के बीच ही प्रशासन ने किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया और उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। जिला प्रशासन ने शाम को वार्ता के बाद सरकार को तत्काल पत्र भी भेज दिया, लेकिन महापंचायत में किसान नेताओं ने कहा, ‘‘जब तक फैक्ट्री लगाने का एमओयू सरकार निरस्त नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।’’
महापंचायत में हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा से भी किसान पहुंचे। किसानों ने सर्वसम्मति से सरकार को निर्णय के लिए बीस दिन का समय दिया। उन्होंने साफ कहा कि अगर सरकार ने बीस दिनों में उनकी मांगें स्वीकार नहीं कीं तो वे 7 जनवरी को संगरिया कस्बे में महा पंचायत कर पड़ाव डालेंगे। इस बीच आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से जारी रहेगा।

एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में आयोजित पंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत
महापंचायत में आज हजारों किसान उमड़े। सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलनकारियों से ट्रैक्टर के ‘बंपर मजबूत’ रखने का आह्वान किया। टिकैत ने कहा, ‘‘एथेनॉल फैक्ट्री को विकास और रोजगार से जोड़ा जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि फैक्ट्री लगने से आसपास की जमीन, हवा और पानी गंभीर रूप से दूषित होंगे। जब फैक्ट्री शुरू होगी तो प्रशासन को बार-बार प्रदूषित पानी दिखाते रहना। इस फैक्ट्री का प्रदूषण लगभग 14 फैक्ट्रियों के बराबर होगा।’’
टिकैत ने कहा कि टिब्बी की संघर्ष समिति जो भी निर्णय लेगी, संयुक्त किसान मोर्चा उसके साथ मजबूती से खड़ा रहेगा। उत्तर प्रदेश के एक उदाहरण का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर में जब हाईवे गुरुद्वारे की जमीन से होकर गुजर रहा था, तब विरोध में झंडा गाड़ दिया गया था, जिसके बाद सरकार को सड़क का मार्ग बदलना पड़ा। टिकैत ने कहा कि इसी तरह यदि राठीखेड़ा में भी झंडा गाड़कर एक किलोमीटर के दायरे में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया जाए तो फैक्ट्री का संचालन अपने-आप ठप हो जाएगा।

हनुमानगढ़ में किसान महापंचायत में उमड़े किसान। फोटो: हिमांशु मिढ़ा
सभा के दौरान वार्ता का बुलावा
किसान पंचायत चल ही रही थी कि प्रशासन ने किसान नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित कर लिया। कई प्रशासनिक अधिकारी वार्ता का न्योता लेकर पहुंचे। इसके बाद किसान नेता जिला कलक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने वार्ता उपरांत अधिकृत प्रेस नोट जारी कर जानकारी साझा की। वार्ता के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने स्थानीय जनभावनाओं और समस्त परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लोकहित में समुचित निर्णय के लिए राज्य सरकार को पत्र भेज दिया।
वार्ता में मौजूद राज्य के आयोजना शासन सचिव डॉ. रवि कुमार सुरपुर ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और किसान हितों की रक्षा उसकी प्राथमिकता है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीजू जॉर्ज जोसफ ने किसान प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि पुलिस प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।
अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश सचिव कॉमरेड रघुवीर वर्मा ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने वार्ता के दौरान बार-बार ये ही कहा कि आप हम पर भरोसा करो। लेकिन बात भरोसे की नहीं, भविष्य की है। हमने सरकार को बीस दिन का समय दे दिया है। अगर इस दौरान किसानों की मांग नहीं मानी गई तो 7 जनवरी को संगरिया में महा पंचायत होगी और उसमें निर्णायक लड़ाई का फैसला किया जाएगा। 
हनुमानगढ़ में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ वार्ता करते किसान नेता। फोटो: हिमांशु मिढ़ा
पांच सदस्यीय समिति गठित
सरकार ने बीती रात एथेनॉल प्लांट से संभावित भू-जल दोहन और पर्यावरणीय प्रदूषण की जांच के लिए बीकानेर के संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। समिति में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के विशिष्ट शासन सचिव, हनुमानगढ़ के जिला कलेक्टर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता अरविंद अग्रवाल तथा भूजल विभाग के मुख्य अभियंता सूरजभान शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 12 दिसंबर को किसान संघर्ष समिति और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक में समिति गठन पर सहमति बनी थी।
किसानों के साथ वार्ता में संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, पुलिस महानिरीक्षक हेमंत शर्मा, हनुमानगढ़ में जिला कलेक्टर रह चुके आईएएस काना राम, एसपी हरीशंकर, जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव और एडीएम उम्मेदी लाल मीना मौजूद रहे।
किसानों की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा और संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंगेज चौधरी, रेशम सिंह माणुका, मदन दुर्गेसर, रवि जोसन, नितिन ढाका, जगजीत सिंह जग्गी, बलजिंद्र सिंह, मनदीप मान, मान सिंह राठौड़, रघुवीर वर्मा, शेर सिंह शाक्य, रविन्द्र सिंह, काका सिंह, गगनदीप, संदीप कंग और सुभाष मक्कासर ने भागीदारी की।

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