वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए प्रमुख घोषणाएं

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है। इस बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में  कृषि क्षेत्र के लिए  प्रमुख घोषणाएं

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर दिया। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है। इस बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। कृषि एवं सहकारिता क्षेत्र के लिए बजट में की गई 10 प्रमुख घोषणाएं-

1. डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण- डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा जिससे फसल नियोजन एवं स्वास्थय संबधी सूचना सेवाओं, फार्म इनपुट के प्रति बेहतर सुलभता, कर्ज एवं बीमा, फसल आकलन के लिए सहायता, मार्केट इंटेलीजेंस और एग्री-टेक इंडस्ट्री व स्टार्टअप्स के विकास के लिए समावेशी किसान-केंद्रित समाधान संभव हो पाएंगे।

2. एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड- गांवों में एग्री स्टार्टअप्स खोलने के लिए युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के मकसद से एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड की स्थापना की जाएगी। इसका मकसद किसानों की चुनौतियों का इन्वोटिव एवं किफायती समाधान उपलब्ध कराना है। यह कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्पादकता एवं लाभप्रदाता को बढ़ाने के लिए नई टेक्नोलॉजी भी लेकर आएगी।

3. कपास की उत्पादकता बढ़ाना- अतिरिक्त लंबे रेशेदार कपास की उत्पादकता बढ़ाने के लिए पीपीपी मॉडल पर क्लस्टर आधारित और वैल्य चेन बनाए जाएंगे। किसानों, राज्यों और इंडस्ट्री के परस्पर सहयोग से इनपुट आपूर्ति एक्सटेंशन सेवाओं और मार्केट लिंकेजों की व्यवस्था की जाएगी।

4. आत्मनिर्भर बागवानी स्वच्छ पौध कार्यक्रम- उच्च गुणवत्ता वाले बागवानी फसलों के लिए रोग-मुक्त, गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी और 2,200 करोड़ रुपये से आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।

5. भारत को मिलेट का वैश्विक केंद्र बनाना- मिलेट्स यानी मोटे अनाजों के सबसे बड़े उत्‍पादक देश भारत में मोटे अनाजों के उत्‍पादन को बढ़ावा देने और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर आपूर्ति के लिए इंस्‍टीट्यूट्स ऑफ मिलेट्स का गठन करने का ऐलान। कोदो, रागी, बाजरा, ज्‍वार, सामा, कुट्टू, रामदाना, कंगनी, कुटकी, चीना जैसे मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हैदराबाद स्थित इंस्‍टीट्यूट ऑफ मिलेट्स को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। यह केंद्र न केवल मोटे अनाजों के उत्‍पादन को बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करेगा, बल्कि किसानों को मोटा अनाज उगाने के लिए प्रेरित करने का भी काम करेगा।

6. कृषि कर्ज- कृषि कर्ज के लक्ष्‍य को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये करने का ऐलान। किसानों को कर्ज में दी जा रही सब्सिडी 2023-24 में भी जारी रहेगी।

7. मत्स्य पालन- 6,000 करोड़ रुपये के निवेश से पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत एक नई उप-योजना शुरू करने की घोषणा। इससे मछुआर, मछली विक्रेता, एसएमई अपने कार्य में अधिक सक्षम बन सकेंगे। साथ मूल्य श्रृंखला दक्षताओं में सुधार लाया जा सकेगा और बाजार का विस्तार किया जा सकेगा।

8. सहकारिता- सहकार से समृद्धि के विजन को हासिल करने के लिए व्यापक विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बनाने के लिए एक योजना कार्यान्वित की जाएगी। इसके किसानों को अपने उत्पादों का भंडारण कने और उचित समय पर उनकी बिक्री करने लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। ग्राम पंचायतों में बहुद्देशीय सहकारी सोसायटियों, प्राथमिक मत्स्य सोसायटियों और डेयरी सहकारी सोसायटियों की स्थापना के लिए इसके तहत सुविधा प्रदान की जाएगी।

9. पीएम प्रणाम की शुरुआत- खेती में वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए इसके तहत प्रोत्साहन दिया जाएगा।

10. एक साल में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए आर्थिक मदद प्रदान किया जाएगा। इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट संसाधन केंद्रों की स्थापना की जाएगी।

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