चालू रबी सीजन में गेहूं का रकबा तीन फीसदी और तिलहन रकबा आठ फीसदी बढ़ा

चालू रबी सीजन में गेहूं का क्षेत्रफल पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले तीन फीसदी बढ़कर 286.5 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में गेहूं का क्षेत्रफल बढ़ने से यह बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को सरकार द्वारा रबी सीजन के 16 दिसंबर तक के क्षेत्रफल के लिए जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है

चालू रबी सीजन में गेहूं का रकबा तीन फीसदी और तिलहन रकबा आठ फीसदी बढ़ा

चालू रबी सीजन में गेहूं का क्षेत्रफल पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले तीन फीसदी बढ़कर 286.5 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में गेहूं का क्षेत्रफल बढ़ने से यह बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को सरकार द्वारा रबी सीजन के 16 दिसंबर तक के क्षेत्रफल के लिए जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले साल इसी अवधि तक गेहूं का क्षेत्रफल 278.25 लाख हैक्टेयर रहा था। 

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड और कर्नाटक में गेहूं का क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले अधिक है जबकि महाराष्ट्र् और हरियाणा में गेहूं का क्षेत्रफल पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कम बना हुआ है। गेहूं का क्षेत्रफल बढ़ने और अनुकूल मौसम रहने के चलते इस साल गेहूं का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। 
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले रबी सीजन में गेहूं का उत्पादन 10.64 करोड़ टन रहा था जबकि उसके पहले साल गेहूं का क्षेत्रफल 10.95 करोड़ टन रहा था। पिछले साल मार्च के महीने में अचानक तापमान बढ़ने के चलते गेहूं के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा था। हालांकि एक्पर्ट्स ने गेहूं का उत्पादन सरकारी आंकड़ों से कम रहने की संभावना जताई थी। सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद देश में गेहूं की की्मतों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो अनुमानों पर सवाल खड़ा करती है। बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत के चलते सरकार रबी मार्केटिंग सीजन में केवल 187.92 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद कर सकी थी जबकि लक्ष्य 444 लाख टन का रखा गया था। 
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 16 दिसंबर तक रबी सीजन के धान का क्षेत्रफल 12.64 लाख हैक्टेयर हो गया जो इसके पहले साल समान अवधि में 11.13 लाख हैक्टेयर रहा था। वहीं दालों का क्षेत्रफल पिछले साल के 134.01 लाख हैक्टेयर से बढ़कर इससाल 139.68 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है। चना का क्षेत्रफल 97.9 लाख हैक्टेयर हो गया है जो पिछले साल इसी अवधि में 94.97 लाख हैक्टेयर रहा था। 
तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 97.94 लाख हैक्टेयर हो गया है जो पिछले साल समान अवधि में 90.51 लाख हैक्टेयर रहा था। रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों का क्षेत्रफल पिछले सला के 83.18 लाख हैक्टेयर से बढ़कर इस साल 89.99 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है। भारत अपनी जरूरत का करीब 60 फीसदी खाद्य तेल आयात करता है। पिछले दो साल से सरसों की कीमतों में इजाफा हुआ है और किसान बेहतर कीमत की उम्मीद में इसका क्षेत्रफल बढ़ा रहे हैं। 
रबी सीजन में फसल बुआई का कुल क्षेत्रफल 578.10 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है जो पिछले साल इसी अवधि में 552.28 लाख हैक्टेयर रहा था। मानसून की बारिश के सामान्य से अधिक समय तक होने के चलते मिट्टी में बेहतर नमी के चलते इस साल रबी सीजन का क्षेत्रफल अधिक रहने की संभावना है। जिसके चलते उत्पादन पिचले साल से अधिक रहने का अनुमान है। हालांकि बहुत कुछ फरवरी और मार्च में तापमान के सामान्य रहने पर निर्भर रहेगा। 

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