आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर रखा स्थिर, खुदरा महंगाई अनुमान बढ़ाकर किया 5.4%

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। हालांकि, संकेत दिया है कि खाद्य पदार्थों की कीमतें यदि महंगाई को बढ़ाती हैं तो आने वाले समय में ब्याज दरों में वृद्धि की जा सकती है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के अपने खुदरा महंगाई के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया है।

आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर रखा स्थिर, खुदरा महंगाई अनुमान बढ़ाकर किया 5.4%
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास।

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। हालांकि, संकेत दिया है कि खाद्य पदार्थों की कीमतें यदि महंगाई को बढ़ाती हैं तो आने वाले समय में ब्याज दरों में वृद्धि की जा सकती है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के अपने खुदरा महंगाई के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया है।

रिजर्व बैंक भले ही अप्रैल 2023 से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं कर रहा है लेकिन मई 2022 से छह बार में ब्याज दरें 2.5 फीसदी बढ़ा चुका है। इससे होम लोन उपभोक्ताओं की ईएमआई में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है और 20 साल के होम लोन के लिए कुल ब्याज में लगभग 11 लाख रुपये की वृद्धि हुई है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनरॉक की रिसर्च में यह बात सामने आई है।

गुरुवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति पर नजर रखेगी और इसे लक्षित स्तर पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगी। मुद्रास्फीति अभी भी आरबीआई के 4 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। एमपीसी की बैठक में टमाटर, गेहूं और चावल जैसी कुछ खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई पर भी चर्चा हुई जिनकी कीमत में पिछले कुछ हफ्तों में वृद्धि देखी गई है।

इसे देखते हुए आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के अपने खुदरा महंगाई अनुमान को संशोधित कर दिया है। पहले केंद्रीय बैंक ने पूरे वित्त वर्ष के लिए 5.1 फीसदी खुदरा महंगाई का अनुमान लगाया था जिसे बढ़ाकर अब 5.4 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के महंगाई अनुमान को 5.2 फीसदी से बढ़ाकर 6.2 फीसदी और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के अनुमान को 5.4 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है। चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के अनुमान को 5.2 फीसदी पर बनाए रखा है। साथ ही चालू वित्त वर्ष के जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को भी 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।

प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनरॉक समूह ने आरबीआई के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि निकट भविष्य में घर खरीदने वाले ग्राहकों के लिए यह अच्छी खबर है। इससे मध्यम और लक्जरी सेगमेंट के घरों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी। मगर पिछले एक साल से अधिक समय में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में 250 आधार अंक की वृद्धि किए जाने से किफायती घर खरीदारों को सबसे गंभीर झटका लगा है। एनरॉक रिसर्च के अनुसार, पिछले दो वर्षों में होम लोन ग्राहकों की ईएमआई में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। जो ग्राहक जुलाई 2021 में 22,700 रुपये का भुगतान ईएमआई के रूप में कर रहे थे उन्हें अब 27,300 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है यानी ईएमआई में हर महीने 4,600 रुपये की वृद्धि हुई है।

एनरॉक रिसर्च के मुताबिक, ईएमआई में इस बढ़ोतरी से कुल ब्याज में लगभग 11 लाख रुपये की वृद्धि हुई है। इस ईएमआई पर 20 साल की अवधि के लिए जहां 2021 में कुल ब्याज लगभग 24.5 लाख रुपये था वह अब बढ़कर 35.5 लाख रुपये हो गया है। 20 साल की अवधि में देय कुल ब्याज अब मूल राशि से अधिक हो गई है।

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