चालू रबी सीजन में गेहूं का रकबा 5.36 फीसदी बढ़ा , सरसों और दालों का रकबा भी बढ़ा

चालू रबी सीजन में 2 दिसंबर तक गेहूं का क्षेत्रफल 211.62 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 5.36 फीसदी अधिक है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। चालू रबी सीजन में अभी तक कुल 450.61 लाख हैक्टेयर में फसलों की बुआई हुई है। जबकि पिछले साल इसी अवधि तक रबी फसलों का क्षेत्रफल 423.52 लाख हैक्टेयर रहा था। इस साल अभी तक गेहूं, तिलहन और दालों का क्षेत्रफल पिछले साल अधिक रहा है

चालू रबी सीजन में गेहूं का रकबा 5.36 फीसदी बढ़ा , सरसों और दालों का रकबा भी बढ़ा

चालू रबी सीजन में 2 दिसंबर तक गेहूं का क्षेत्रफल 211.62 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 5.36 फीसदी अधिक है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। चालू रबी सीजन में अभी तक कुल 450.61 लाख हैक्टेयर में फसलों की बुआई हुई है। जबकि पिछले साल इसी अवधि तक रबी फसलों का क्षेत्रफल 423.52 लाख हैक्टेयर रहा था। इस साल अभी तक गेहूं, तिलहन और दालों का क्षेत्रफल पिछले साल अधिक रहा है।

कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2 दिसंबर तक गेहूं का क्षेत्रफल 211.62 लाख हैक्टेयर रहा है जबकि पिछले साल इसी समय तक गेहूं का क्षेत्रफल 200.85 लाख हैक्टेयर रहा था। 
रबी सीजन में दालों का क्षेत्रफल 112.67 लाख हैक्टेयर रहा है जो पिछले साल इसी अवधि में 108.57 लाख हैक्टेयर रहा था। चना का क्षेत्रफल पिछले साल के 75.80 लाख हैक्टेयर के मुकाबले इस साल 2 दिसंबर तक बढ़कर 79.82 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है। वहीं दूसरे खाद्यान्नों का क्षेत्रफल पिछले साल के 29.02 लाख हैक्टेयेर से बढ़कर 32.63 लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया है। 
वहीं रबी सीजन के तिलहनों का क्षेत्रफल 2 दिसंबर तक 83.07 लाख हैक्टेयर रहा है जो पिछले साल इसी अवधि में 75.55 लाख हैक्टेयर रहा था। रबी की मुख्य तिलहन फसल सरसों का क्षेत्रफल पिछले साल के 69.32 लाख हैक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 76.69 लाख हैक्टेयर पर पहंच गया है। 
इस साल मानसून की बारिश देरी तक होने के चलते रबी फसलों का क्षेत्रफल बढ़ रहा है। वहीं गेहूं की कीमतें लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक बनी हुई हैं उसके चलते गेहूं का क्षेत्रफल बढ़ रहा है। इसी तरह सरसों के किसानों ने भी पिछले सीजन में बेहतर दाम मिलने के चलते इस साल इसका क्षेत्रफल बढ़ाया है।

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